एस के कपूर श्री हंस

*।।विषय।।कलम।।*
*।।रचना शीर्षक।।*
*।।कलम तीर है।।बलवीर है।।*
*।।असत्य को करता चीर चीर है।।*
*।।विधा।।हाइकु।।*
1
कलम तीर
कलम की ताकत
ये शमशीर
2
कलम शक्ति
कलम की पहुंच
करे भी भक्ति
3
कलम लिखे 
शब्दों की सरगम
जो शक्ति दिखे
4
कलम जादू
कर सके कमाल
वक़्त बदलू
5
कलम बोले
ये सारा सच खोले 
आदमी डोले
6
कलम नोंक
हिला दे सत्ता को भी
दम तो रोक
7
कलम यंत्र
दिखाये आइने सा
कलम मंत्र
8
कलम चित्र
सजीव चित्रण हो
लीला विचित्र
9
खोल दे राज़
यह कलम साज़
आये न बाज़
10
कलम कथा
पढ़ कर   भावुक
सब की व्यथा
11
कलम छोटा
काम करे ये मोटा
बहुत खोटा
12
शब्द प्रवाह
कलम से संभव
सत्य की राह
13
लिखे ये अर्थ
दुधारी तलवार
कभी अनर्थ
14
कलम शक्ति
मामूली नहीं यह
भाव रखती
15
कलम द्वेष
दुरुपयोग न हो
फैले विद्वेष

*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।।*
मोब।।।।।        9897071046
                      8218685464



।।कब जिन्दगी की आखिरी शाम आ जाये।।*
*।। ग़ज़ल ।।* *।। संख्या 62 ।।*
*।।काफ़िया।।   ।। आम ।।*
*।।रदीफ़।।    ।। आ जाये ।।*
1
कब जिंदगी कीआखिरी शामआ जाये।
कब बुलावे का वह पैगाम    आ जाये।।
2
सब से बना  कर   रखो      आप जरा।
कोई तकलीफ  सरे आम     आ जाये।।
3
बात करो यूँ कि    दिल में  उतर जाये।
बात करके दिल को आराम आ जाये।।
4
सबका साथ दो मुसीबत में तुम  जरा।
वक़्त पर कोई तुम्हारे  काम आ जाये।।
5
इंसानियत का साथ देते रहो हमेशा तुम।
कब ऊपरवाले का भेजा ईनाम आ जाये।।
6
बस अपना जमीर हमेशा संभाल कर रखो।
कोशिश हो हाथ में मन की लगाम आ जाये।।
7
*हंस* साथ जाने वाला तेरे कुछ भी नहीं।
बस महोब्बत की दौलत तमाम आ जाये।।

*रचयिता।। एस के कपूर "श्री हंस*'"
*बरेली।।।।*
मोब।।।।।        9897071046
                      8218685464


*।।नेता का यही गुण है ।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
कभी शोला कभी शबनम
नेता का यही   गुण है।
सुबह प्रसाद     रात में रम
नेता का यही   गुण है।।
कथनी करनी के      अंतर
का उदाहरण   है नेता।
पैसे की बरसात   झमाझम
नेता का यही   गुण है।।
2
कभी नरम और कभी गरम
नेता का यही गुण है।
कब क्यों कैसे     आँखें नम
नेता का यही गुण है।।
नेता खुद नहीं कह पाता कि
आगे क्या करेगा वह।
हर बार दिखाना अपना दम
नेता का यही गुण है।।
3
मैं शब्द ऊपर, नहीं शब्द हम
नेता का यही गुण है।
मैं किसी    से   नहीं  हूँ  कम
नेता का यही गुण है।।
चोट से वोटऔर वोट से चोट
यह काम है रोज़ का।
कभी करते नहीं   कोई शरम
नेता का यही गुण है।।
4
कभी हमराज़ कभी   हमदम
नेता का   यही  गुण है।
कभी जनता को कर दे बेदम
नेता का   यही गुण है।।
कितने चेहरे और  कितने रंग
उसको भी मालूम नहीं।
कब किस पे क्यों रहमोकरम
नेता का यही   गुण है।।
5
कभी दुश्मनऔर कभी सनम
नेता का यही गुण है।
गिरगिट सा रंग  बदले हरदम
नेता का यही गुण है।।
आग पर रोटी  ,रोटी पर आग
जैसी समय की मांग हो।
करे दुनिया का     हर   करम
नेता का यही   गुण है।।

*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस*"
*बरेली।।।।*
मोब।।।।।       9897071046
                     8218685464

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