नाम -सुनीता उपाध्याय
पता -जे. एस. डब्ल्यू., वासिन्द
संपर्क - एल. वी. साउंड, ग्रुप
मो0+91 75071 42333
उपलब्धियां - कविताओं के रंग लता नौवाल के संग भाग -1 साझा संकलन
रामायण के प्रासंगिक पात्र भाग 1
सोशल मीडिया पर आयोजित विभिन्न सम्मान एवम प्रतिभाग
कला साहित्य समाजिक सरोकारों हेतु असंख्य मंचो पर सफल प्रस्तुति एवम पुरस्कार
कोई भी शाशकीय पुरस्कार प्राप्त नही
Jsw टाउनशिप वाशिंदा मुम्बई
जिन बचपन के दिनों मे था, हॅसना - खेलना
वो तो मजदूरी के दलदल मे धंस गया
उसकी आँखें तो तरसती थी दो वक़्त के खाने को
मगर धिक्कार के धक्के से भूखा ही सो गया
भूखे पेट मे जान नहीं, क्या ये बच्चा इंसान नहीं??
बचपन क्या होता है, यह ना जान पाया
नन्हे का बचपन तो मजदूरी मे खो गया
बाल मजदूरी महापाप है, नियम तो बना दिया है
देश के उज्जवल भविष्य के लिए बाल मजदूरी को हराना है.
धन्यवाद 🙏
सुनीता उपाध्याय,
वासिन्द
सुप्रभात
ना हो तुम निराश, देर अगर जो हो जाये
ऐसा कुछ नहीं जग मे, जो तुमसे ना हो पाये
राह नहीं आसान है यह, मुश्किलें तो रास्ते मे आयेंगी
ज्ञान हो अगर लक्ष्य का निश्चित सफलता मिल जाएगी
गिरने मे नहीं लगता वक़्त, लगता है नाम कमाने मे
खुद ही चलना पड़ता है, ना साथी कोई जमाने मे
कुछ भी करना जीवन मे, करना ना काम बदनामी का
रहना इस तरह कि बना रहे सम्मान जीवन का
किस्मत पर भरोसा मत करना, ये राह तुम्हें भटकाएगी
खड़े रहना सीना तान निश्चित सफलता मिल जाएगी
वसंत ऋतु
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आया है ऋतुराज वसंत ,
लाया है संग नव यौवन l
खिली है रंगत मौसम में ,
फूली है - सरसों खेतों में l
किया है फूलों का श्रृंगार धरती ने,
फैलाया है वसंती बयार प्रकृति ने l
कल कल करते झरनों जैसा,
सुनाई देता कलरव चिड़ियों का l
नयी उमंग, नयी तरंग जैसा,
छाया है मधुमास चमन का l
माँ सरस्वती का करें आव्हान
नववर्ष में खुशियों का दें वरदान l
आशियाना
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चलो एक नया आशियाना बनायें,
प्यार से मिल - जुलकर उसे सजायें l
भरोसे की नींव से मजबूत हों दीवारें,
दूसरा कोई गम ना उसमें समाये l
मिले प्यार और आशीर्वाद अपनों का,
बढ़ते क़दमों को नयी मंज़िल मिले l
जगमगा उठे आँगन,बुजुर्गों की मुस्कान से
और बन जाये एक सुन्दर आशियाना l
जीवन
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जीवन एक रेलरूपी यात्रा है,
जिसका कोई अंत नहीं है l
यह स्वयं में एक बेहतरीन किस्सा है,
जिसमें ढेरों कहानियाँ छिपी है l
जहाँ इसमें प्रेम और वैराग्य है,
वहीं यह एक सुन्दर नगमा भी है l
इसमें हर कदम पर चुनौतियाँ है,
तो मुकाबला करने की ताकत भी है l
जीवन में समर्पण का भाव हो,
तो वह प्रेरणादायी बन जाता है l
धन्यवाद
सुनीता उपाध्याय
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