घमंड
अहंकार,इंसान के पतन की
पहली सीढ़ी है
जिस पर खुशी खुशी
पांव रखकर,चढ़ता चला जाता है
फिर एक दिन,पतन के गर्त में
समा जाता है
व्यक्ति को कभी भी अहंकार
नही करना चाहिए
क्योंकि कोई भी व्यक्ति
कितना ही बड़ा क्यों न हो
कितना भी धनवान क्यों न हो
दुनिया में,वही अंतिम नही है
धन दौलत और ऐश्वर्य
चलती दिखाई नहीं देती
लेकिन हकीकत में
ये चलती है और
मालिकाना हक़,बदलती रहती है
धन और संपत्ति,हाथ का मैल है
व्यक्ति को चाहिए कि
यदि आपके पास,पैसा है तो
उससे सुकीर्ति खरीदें
यह सुकीर्ति ही उसको
सम्मान दिलाती है
हमें कभी भी,कठोरता का
प्रदर्शन नहीं करना चाहिए
क्योंकि कहा जाता है कि
जो झुकता नहीं है,वह टूट जाता है
जीवन में,कठोरता का रुख
नही अपनाना चाहिए
जैसे कि,दांत भी हालाकि
जीभ के बाद,मुंह में आते है
लेकिन कठोरता के कारण
पहले टूटता है
नम्रता ही,सुखी और लंबे
जीवन का आधार है
अहंकार,इंसान के पतन की
पहली सीढ़ी है
व्यक्ति को कभी भी घमंड
नही करना चाहिए
नूतन लाल साहू
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