निशा अतुल्य


विश्व पुस्तक दिवस 
23.4.2021
सच्ची मित्र~पुस्तक 
हिन्दी साहित्य अँचल मंच 2/10

पुस्तक में लिखी कहानी
एक राजा एक रानी 
हो गई चिर स्थायी 
सबने ही पहचानी ।

पुस्तक में लिखी कविता
पुष्प की अभिलाषा 
सोच, ओज बढाती
जो पढ़ें देश भक्ति में डूब जाता।

पुस्तक लिखी व्यथा थी
एक नानी का मटका थी
खो जाती थी जब चीजे
उसमें मिला करती थी ।

भूदान,निर्मला,बैल की जोड़ी
हो गई अमर कहानी
लिखी जब लेखक ने 
पुस्तक रूप में ढाली ।

सच्ची मित्र पुस्तक है 
इससे बड़ा न सत्य कोई 
जब भी राह न सूझे 
तुम पढ़ मन में ध्यान धरो 
राह आसान सी निकल ही जाएगी
तुमको राह सुझाएगी ।
बस मन में संकल्प हो अपने
ये पुस्तक मित्र है अपने ।

बदल गया है जमाना
सब ऑन लाइन ही मिल जाता
पर जो सच्चा सुख मानव
किताब पढ़ कर है आता 
वो ऑन लाइन नहीं मिल पाता ।

चलो करें संरक्षित फिर से एक बार मिलकर
कुछ किताब हम खरीदे 
कुछ पढ़े स्वयं, कुछ दे पढ़ने को दूजो को
मानसिक अवसाद से बचने का ये है एक सहारा
सच मानो मेरी बात 
पुस्तक सबसे बडी मित्र हमारी ।


स्वरचित
निशा"अतुल्य"

विश्व पुस्तक दिवस 
23.4.2021
सच्ची मित्र~पुस्तक 
हिन्दी साहित्य अँचल मंच 2/10

पुस्तक में लिखी कहानी
एक राजा एक रानी 
हो गई चिर स्थायी 
सबने ही पहचानी ।

पुस्तक में लिखी कविता
पुष्प की अभिलाषा 
सोच, ओज बढाती
जो पढ़ें देश भक्ति में डूब जाता।

पुस्तक लिखी व्यथा थी
एक नानी का मटका थी
खो जाती थी जब चीजे
उसमें मिला करती थी ।

भूदान,निर्मला,बैल की जोड़ी
हो गई अमर कहानी
लिखी जब लेखक ने 
पुस्तक रूप में ढाली ।

सच्ची मित्र पुस्तक है 
इससे बड़ा न सत्य कोई 
जब भी राह न सूझे 
तुम पढ़ मन में ध्यान धरो 
राह आसान सी निकल ही जाएगी
तुमको राह सुझाएगी ।
बस मन में संकल्प हो अपने
ये पुस्तक मित्र है अपने ।

बदल गया है जमाना
सब ऑन लाइन ही मिल जाता
पर जो सच्चा सुख मानव
किताब पढ़ कर है आता 
वो ऑन लाइन नहीं मिल पाता ।

चलो करें संरक्षित फिर से एक बार मिलकर
कुछ किताब हम खरीदे 
कुछ पढ़े स्वयं, कुछ दे पढ़ने को दूजो को
मानसिक अवसाद से बचने का ये है एक सहारा
सच मानो मेरी बात 
पुस्तक सबसे बडी मित्र हमारी ।


स्वरचित
निशा"अतुल्य"

स्वेच्छिक सृजन 
वायु
24.4.2021

वायु मंद मंद बहे
पेड़ हर ओर लगे
धरा का श्रृंगार कर
स्वस्थ सांस पाइए ।

हर्षित हर मन हो
वायु शुद्ध निर्मल हो 
तन मन स्वस्थ रहे
सब को बताइए ।

प्राणायाम योग करो
थोड़ा थोड़ा रोज चलो
सांस नियंत्रित कर
क्षमता बढाइए ।

हर ओर खुशी रहे
प्राणवायु शुद्ध रहे 
बलशाली जीवन हो
वृक्ष ही लगाइए ।

स्वरचित
निशा "अतुल्य"

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