काव्य रंगोली आज का सम्मानित कलमकार पंवार जोधपुर ( राजस्थान )

 परिचय

नाम:- बसन्ती पवांर 

जन्म:- 5 फरवरी, 1953 (बसन्त पंचमी), बीकानेर 

माता-पिता:- स्व. श्रीमती रूकमा देवी , स्व. श्री राणालाल 

शिक्षा:- एम. ए. (राजस्थानी भाषा), बी. एड.

व्यवसाय:-’निरामय जीवन’’ एवं ’’केन्द भारती’’ मासिक पत्रिका जोधपुर के प्रकाशन विभाग कार्या लय में 

निःशुल्क कार्यरत, रिटायर्ड वरिष्ठ अध्यापिका । 

जुड़ाव:- महिलाओं की साहित्यिक संस्था ’’सम्भावना’’ की सचिव, ’’खुसदिलान-ए-जोधपुर’’, ’‘नवोदय 

सबरंग साहित्यकार परिषद’’, ’‘लॅायंस क्लब जोधपुर’’ की सक्रिय सदस्य । 

प्रकाशन:- 1’‘सौगन‘’, 2 ’’ऐड़ौ क्यूं ?’’ (दो राजस्थानी उपन्यास), एक हिन्दी कविता संग्रह ’’कब आया

बसंत’’ । राजस्थानी कहानी संग्रह ’‘नुवाै सूरज‘’ । एक राजस्थानी कविता संग्रह-’‘जोवूं एक विस्वास’’

हिन्दी व्यंग्य संग्रह ’नाक का सवाल’, ( अंग्रेजी में अनुवाद भी )हिन्दी काव्य संग्रह ’’नन्हे अहसास’’ प्रकाशित । दो बाल साहित्य की 

पुस्तकें-राजस्थानी में एक-‘‘खुश परी’’ कहानी संग्रह एवं एक कविता संग्रह, हिन्दी उपन्यास ’प्यार की 

तलाश में प्यार’ एवं एक कहानी संग्रह प्रकाशनाधीन । 

 राजस्थानी और हिन्दी की पत्र-पत्रिकाओं में कहानी, कविता, लेख, लघुकथा, संस्मरण, पुस्तक 

समीक्षा आदि का लगातार प्रकाशन । 

 आकाशवाणी जोधपुर, जयपुर दूरदर्शन से वार्ता, कहानी, कविता आदि का प्रसारण । राजस्थानी 

भाषा के ’’आखर’’ कार्य क्रम में भागीदारी (जयपुर) 

विशेषः-राजस्थानी भाषा की पहली महिला उपन्यासकार । 

 यू ट्यूब पर ’’मैं बसंत’’ नाम से चेनल । 

पुरस्कार और सम्मान:

1. ‘राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर’ से ’’सौगन‘’, राजस्थानी उपन्यास पर 

’‘सावर दैया पैली पोथी पुरस्कार’’ -1998 

2. पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी, शिलांग मेघालय की तरफ से ’‘डा. महाराजा कृष्ण जैन स्मृति सम्मान

’’-2011 

3. तमिलनाडु हिन्दी साहित्य अकादमी चैन्नई और तमिलनाडु बहुभाष�

4 ’आकाश गंगा चेरीटेबल ट्रष्ट’ लूणकरणसर, बीकानेर से सम्मान-2011

   5.’‘नवोदय सबरंग साहित्यकार परिषद’’ जोधपुर से ’‘बेस्ट स्टोरी राइटर’’ सम्मान -2011 

   6. ’‘जगमग दीपज्योति ‘मासिक पत्रिका अलवर की तरफ से ’’श्रीमती नवनीत गांधी स्मृति’’ 

      सम्मान-2013 

   7. बैंक नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, जोधपुर से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोज्य कवयित्री सम्मेलन में सम्मान-2014                          

   8. ’मरूगुलशन’ त्रेमासिक पत्रिका के 75 वें अंक के लोकार्पण समारोह में सम्मान-2014

   9. लाॅयनेस क्लब जोधपुर द्वारा कवयित्री सम्मेलन में सम्मान-2015

   10. ‘सर्जनात्मक संतुष्टी संस्थान ’द्वारा प्रो. प्रेम शंकर श्रीवास्तव स्मृति पर आयोज्य कार्यक्रम में मरूगुलश में प्रकाशित ’’नारी संवेदना’’ रचना पर ’’गुणवंती सम्मान’’-2015                                                                           

   11. न्यू ऋतंभरा साहित्य मंच कुम्हारी, जिला दुर्ग -छ. ग. द्वारा न्यू ऋतंभरा मुंशी प्रेमचंद एवं साहित्य 

      अलंकरण-2015 

   12. महिमा प्रकाशन -छ.ग. द्वारा ’’त्रिवेणी साहित्य सम्मान’’-2015 

   13. ‘डाॅ. नृसिंह राजपुरोहित राजस्थानी साहित्य प्रतिभा पुरस्कार’’-2016 

   14. बृजलोक साहित्य-कला-संस्कृति अकादमी, फतेहाबाद (आगरा) उ. प्र. द्वारा ’‘श्रेष्ठ साहित्य साधिका सम्मान-2017

   15. ’’वीर दुर्गादास राठौड़ सम्मान’’ (रजत पदक )-2017 

   16. ’शब्द निष्ठा सम्मान’’ (अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता अजमेर)-2017  

   17. ’’दिव्यतूलिका साहित्यायन’’ सम्मान-2017 (ग्वालियर, मध्य प्रदेष)

   18. ’’शब्द निष्ठा सम्मान’’ (अखिल भारतीय व्यंग्य प्रतियोगिता अजमेर)-2018 

   19. ’’महादेवी वर्मा सम्मान’’(साहित्य कला एवं संस्कृति संस्थान, हल्दीघाटी नाथद्वारा)-2018

   20. ’’पत्र लेखन सम्मान’’(डाॅ. सूरज सिंह नेगी, सनातन प्रकाशन, जयपुर)-2019

   21.  साहित्य क्षेत्र में सतत् सराहनीय योगदान हेतु ’’मधेषवाद के प्र. नेता गजेन्द्रनारायण सिंह सम्मान’’ 

       (नेपाल भारत मैत्री वीरांगना फाउंडेशन, काठमांडौ रौतहट, नेपाल से)-2019

   22. ’’मत प्रेरणा सम्मान’’-2019 (निखिल पब्लिशर्स, आगरा, उत्तर प्रदेश)

   23.  राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति श्रीडूॅंगरगढ़ (बीकानेर) द्वारा ’’पं. मुखराम सिखवाल स्मृति रा. साहित्य   सृजन पुरस्कार’’ (14 सितम्बर 2019)

   24. स्टोरी मिरर द्वारा ’’लिटरेरी केप्टिन’’ सम्मान-2019

   25. ’’अखिल भारतीय माॅं की पाती बेटी के नाम’’ प्रतियोगिता-2019, सम्मान (जिला प्रसाशन एवं महिला अधिकारिता, बून्दी द्वारा)

   26. अखिल हिन्दी साहित्य सभा (अहिसास) नासिक (महाराष्ट्र) द्वारा पुस्तक-’’नाक का सवाल’’ पर ’’साहित्य श्री’’ सम्मान-2019 

   27. ’’क्रान्तिधरा अंतरष्ट्रीय साहित्य साधक सम्मान’’ (क्रान्तिधरा मेरठ, साहित्यिक महाकुम्भ-2019 में )

   28. ’’आध्यात्मिक काव्यभूषण’’ की मानद उपाधि (भारतीय संस्कृति एवं भाषा प्रचार परिषद करनाल (हरियाणा) तथा कलमपुत्र काव्य कला मंच मेरठ उ. प्र. (भारत) द्वारा हरिद्वार (उत्तराखण्ड) में आयोजित कार्यक्रम में ।

   29. ’’अग्निशखा गौरव रत्न’’ सम्मान (साहित्य एवं सामाजिक क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए, अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच मुम्बई द्वारा ) - 2019

   30. ’’मैना देवी पांड्या स्मृति राजस्थानी लेखिका पुरस्कार-2019 (नेम प्रकाशन, नागौर, डेह)

   31. ’’चौपाल साहित्य रत्न सम्मान’’-राष्ट्रीय कवि चैपाल, शाखा-दौसा (राजस्थान)-2020

   32. ’’नव सृजन कला प्रवीर्ण अवार्ड’’-छत्रपति प्रशिक्षण संस्थान (रजि.) कानपुर (उ. प्र.) द्वारा-2020

   33. ’’शब्द तरंग सम्मान - सुशील निर्मल फाउंडेशन, आणि शब्दांगण कला साहित्य सांस्कृतिक परिषद, वसई (महाराष्ट्र) द्वारा-2020

   34. शब्द निष्ठा सम्मान (श्रेष्ठ समीक्षक)-2020

   35. ’मनांजलि साहित्य सम्मान’ (मनांजलि मंच, चण्डीगढ़)-2020

   36. जैमिनी अकादमी पानीपत (हरियाणा) द्वारा-अटल रत्न सम्मान, कोरोना योद्धा रत्न सम्मान, तिरंगा सम्मान, शिक्षक उत्थान रत्न सम्मान, गोस्वामी तुलसीदास सम्मान, 2020 में 101 साहित्यकार 2020 रत्न सम्मान-2020 । स्वामी विवेकानन्द सम्मान-2021, गणतंत्र दिवस पर भारत गौरव सम्मान-2021 

   37. ’’विशिष्ट साहित्यकार सम्मान’’ अदबी उड़ान साहित्यिक संस्था द्वारा-2021

   38. ’’भामाशाह सम्मान’’ लायंस क्लब इंटरनेशनल द्वारा-2021 

   39. ’’लोक साहित्य रत्न सम्मान’ (अवनि सृजन साहित्य कला, मंच इंदौर, म.प्र. द्वारा)-2021

   40. विश्व मायड़ भाषा दिवस 21 फरवरी 2021, महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, बाबा रामदेव शोधपीठ, राजस्थानी विभाग और इंटेक चेप्टर की ओर से सम्मान-2021 

   41. ’’हिन्दी साहित्य मनीषी’’ मानद उपाधी, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा से । 2021

                        बसन्ती पंवार

                ’विष्णु’, 90, महावीरपुरम,

               चौपासनी फनवल्र्ड के पीछ, 

               जोधपुर -342008 (राज.), 

                   मो. 9950538579     

                         Basantipanwar53@gmail.com 

                          

*धीमें*

धीमें-धीमें  

गीले ईंधन 

की तरह 

जलती नारी.....


धीमें-धीमें 

जलकर भी

वो कार्बन 

नहीं उगलती....

जीवन भर 

देती रहती है 

सभी को

ऑक्सीजन......


घर-परिवार 

के लिए 

नींव का पत्थर बन

कंगूरों की सुरक्षा....

सुन्दरता के लिए 

पूरा जीवन 

अंधेरों में गुजारती....

नहीं बनती 

वह कंगूरा.....


धूपबत्ती की

तरह जलती है 

धीमें-धीमें 

सुवास बिखेरकर 

मिटा देती 

अपना अस्तित्व.....


धीमें-धीमें 

अंतिम सांस 

लेने के बाद भी

वह हिलती 

तक नहीं.....

अपनों के  

कंधों पर 

शान से 

चलती है धीमें-धीमें.......

           बसन्ती पंवार 

      जोधपुर  ( राजस्थान )



हमने 

टूटे धागों पर

गांठें तो

खूब कस कर 

लगाई......

मगर 

खोलने वालों के 

नाख़ून 

बहुत पैने थे .....

      बसन्ती पंवार 

          जोधपुर




(कविता)  *इच्छाएं*


जीवन  के  सफर  में 

न जाने  क्यों  जन्म  लेती हैं 

चाहे  छोटी-छोटी  ही  सही 

मन  में  मचलती  तो  है......


मचलती  इच्छाएं 

और  बड़ी  हो  जाती  हैं 

किसी  लड़की  की  तरह.....


मन  को  झकझोरती  है 

अन्तर्मन  में  फैलती  है 

पर  कहां  पूरी  हो  पाती  हैं....


कभी  कोई  कुचल  देता  है

तो  कभी  हम  स्वयं  ही 

कफन  से  ढक  देती  हैं.....


कुचले  जाने  से  पहले 

कुचले  जाने  के  दर्द  से 

कितना  छटपटाती  हैं .....


कितने  आंसू  कितने  दर्द 

मासूम  मन  की  छोटी - छोटी 

चाहतें  उनकी  बेदर्दी  से  मोत

देखता  रहता  जीवन  ......


मन  कठोर  पाषाण  बन जाता 

पूछता  है  बार-बार 

क्यों  जन्म  लेती  हैं इच्छाएं......


इतनी  मीठी  इतनी  सुन्दर 

शायद  ही  कोई  इच्छा 

अपना  पूरा  जीवन  जीती  होगी 


कुछेक  मरती  है  प्रकृति  से

बाकी  तो  तड़प - तड़प  कर 

मरने  के  लिए  ही  जन्मती  हैं... 


जीवन  बेचारा  क्या  करे 

पल-पल  रिसता  जीवन 

जीवन  कहां  रह  पाता  है .... 


पहले  प्रौढ़  होता 

फिर  बुढ़ापे  के  सहारे 

अपनों  की  ओर  

निहारती  इच्छाएं ......


जीवन  में  जन्मी - पली  इच्छाएं 

उसी  के  भीतर  सिमट 

माटी  हो  जाती  हैं .......


एक  भावभीना  मन 

सारा  दर्द  

चुपचाप  सहता  रहता......


शायद  इच्छाओं  का  

दर्द  सहना  ही  भाग्य  है 

और  इच्छाओं  का  दमन 

जीवन  की  विवशता ......

             ---- बसन्ती पंवार 

            जोधपुर  ( राजस्थान )




*प्रेम*

प्रेम 

नगद या उधार.....

मृत  या  जिन्दा.....

या  प्लास्टिक  का.....

हाँ,  यह ठीक  है 

सदियों  तक  रहेगा 

न  पानी  न  खाद......

न  धूप  न  हवा 

की  जरुरत ......

धूल  जमें  झाड़  देना .....

धो  देना .......

फिर  ताज़ा 

हो  जाएगा 

मगर  क्या 

प्लास्टिक  के  प्रेम  से

अहसास  और 

संवेदनाएं  

महसूस  कर  सकोगे  ? 

       ----- बसन्ती पंवार 

        जोधपुर ( राजस्थान )



संघर्ष 

      स्वयं  को  खोजना 

      स्वयं  के  भीतर  तक

      कठिन  लगता  है 

      यह  स्वयं  से  ही  संघर्ष  है 

      ढूंढ-ढूढ  कर  बाहर        

      निकालना--

      ईर्ष्या.....द्वेष.... 

      क्रोध.....कामनाएं.....

      तेरे- मेरे  की  भावनाएं 

      तब  तक  ढूँढ़ना 

      जब  तक  कि  

      वह  सभी 

      बाहर  न  आ  जाए 

      पर....परंतु.....

      हम  स्वयं  को 

      पहचान  कर  भी 

      संघर्ष  करते  हैं 

      स्वयं  से  ही 

      हमारा  अस्तित्व 

      निरंतर  संघर्ष  है 

      अतीत  से  वर्तमान  तक 

      जन्म  से  मृत्यु  तक....

         --- बसन्ती पंवार 

         जोधपुर ( राजस्थान )


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