नूतन लाल साहू

अन्न का सम्मान
व्यक्ति को बनाता है महान

इस घोर कलयुग में
संयुक्त परिवार का भरण पोषण
हर किसी के बस की बात नहीं है
इसीलिए तो हो रहा है
परिवार का विघटन
जब आता है,कंधो पर जिम्मेदारी
भारी पड़ जाता है
बच्चे और नारी
अन्न अनमोल वस्तु है
जो इसे करता है बरबाद
वो होता है,बड़े गुनाहगार
अन्न का जो करे अनादर
वो दाने दाने के लिए
हो सकता है,मोहताज
व्यक्ति को सिर्फ 
अपने विषय में ही नहीं
पूरी मानवता के हित में
अवश्य ही सोचना चाहिए
पाता वही है, जो देना जानता है
अपने पेट की फिक्र तो
जानवर भी करते है
पर सच्चा इंसान वही है
जो पहले दुसरो की फिक्र
करता है
शिक्षा का अर्थ सही मायने में
इंसानियत होती है
व्यक्ति सिर्फ शिक्षा से नही
अपितु विचारो से महान बनता है
व्यक्ति में जोश जरूरी है
पर साथ ही साथ
होश भी कायम रखना चाहिए
हमारे पड़ोस में,समाज में
राज्य में और देश में
अनेकों आज भी भूखा सोता है
दो वक्त की रोटी भी
नसीब नहीं होता है
अन्न का जो करे सम्मान
वही तो है,महान इंसान

नूतन लाल साहू

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