*।। प्रातःकाल वंदन।।*
🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂
दुनिया की हर खुशी
आपको आयात हो।
रहे सुख बस,हर संकट
आपका समाप्त हो।।
नव प्रभात की बेला
करे आशा का संचार।
*प्रातःकाल का वंदन*
*प्रणामआपको प्राप्त हो।।*
👌👌👌👌👌👌👌👌
*शुभ प्रभात।।।।।।।।।।।।।।।।।*
*।।।।।।।।।।।।।। एस के कपूर*
👍👍👍👍👍👍👍👍
*दिनाँक. 17 05 2021*
(जाने तुम कहाँ चले गए।)*
*।।आ0 स्व0 नीरज जी की स्म्रति में साझा काव्य संकलन के लिए।।*
*((काव्य रंगोली लखीमपुर )पटल व संस्था*
*की विशिष्टता एवम स्व0 आ0 नीरज के काव्य रंगोली के प्रति समर्पण पर आधारित*
*रचना।)*
1
रंग रंग बिखरे हैँ साहित्य
के जहाँ पर।
नित प्रतिदिन नव सृजन
होता वहाँ पर।।
सुविख्यात काव्य रंगोली
संस्था कहलाती वो।
रचनाकारों का सम्मान
होता यहाँ पर।।
2
जिला स्थान छोटा ही सही
दिल बहुत बड़ा था।
*नीरज जी* सा व्यक्ति स्वागत
को आतुर खड़ा था।।
हर उत्सव पटल मनाता था
हर्षोल्लास से।
कविता रंग यहाँ हर किसी
पर चढ़ा था।।
3
व्यवस्था व अनुशासन यहाँ
के प्रमुख मापदंड हैं।
सहयोग व सहभागिता यहाँ
के मुख्य मानदंड हैँ।।
सीखने और सीखाने का क्रम
रहता यहाँ निरंतर जारी।
प्रतियोगिता आयोजन संस्था
के मुख्य मेरुदंड है।।
4
भांति भांति के रंग मिलकर
बन गई है काव्य रंगोली।
प्रत्येक सिद्ध साहित्यकार की
यह तो है हम जोली।।
कविता लेख कहानी हैं तरह
तरह के रंग।
*स्व0 नीरज जी* के कारण ये
बन गई सबकी मुँह बोली।।
*रचयिता।।एस के कपूर 'श्री हंस"*
*बरेली।।।*
मोब।।। 9897071046
8218685464
।।रचना शीर्षक।।*
*।। सारी दुनिया की आँख का*
*तारा, मैं हिंदुस्तान हूँ।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
दुनिया जहान में आला,
मैं हिंदुस्तान हूँ।
सारे जग से ही निराला,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
विरासत लेकर चल रहा,
संस्कार संस्कृति की।
प्रेम अमन का भरा प्याला,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
2
अतिथि देवो भव आचरण,
मैं हिंदुस्तान हूँ।
ध्यान ज्ञान मंत्र उच्चारण,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
संकल्पना आत्म निर्भरता,
का उदाहरण हूँ मैं।
बड़े बुजुर्गों का वंदन चारण,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
3
महाभारत की महा हाला,
मैं हिंदुस्तान हूँ।
वेदों की देव दीप शाला,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
एकसौपैंतीस कोटिआशीर्वाद,
अग्रसर कर्मपथ पर।
शत्रुओं लिए भीषण ज्वाला,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
4
संत ऋषि मुनियों माटी का,
मैं हिंदुस्तान हूँ।
शौर्य गाथायों हल्दी घाटी का,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
वसुधैव कुटुम्बकम पड़ोसी,
धर्म पालन कर्ता।
विविधता में एकता चौपाटी,
का मैं हिंदुस्तान हूँ।।
5
तेजी से विकास राज दुलारा,
मैं हिंदुस्तान हूँ।
विश्वगुरु शांति दूत का उजाला,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
सारे जग में शान अद्धभुत,
मेरी निराली है।
दुनिया की आँख का तारा,
मैं हिंदुस्तान हूँ।।
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।*
मोब।। 9897071046
8218685464
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें