नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

जन्म दिन-----

जश्न जोश का बहाना चाहिये
जन्म दिन उत्साह उमंग से 
मानना चाहिए।।

सच्चाई की जीवन की 
लम्बाई जिंदगी  छोटी होती हर
जन्म दिन पर एक वर्ष
उम्र कम होती गम नही
जीवन मे जीने का अंदाज़ चाहिये।।

जन्मदिन के जश्न में 
कोई परंपरा भारतीय नही
ना कैंडल्स ना केक फिर भी
गर्व अभिमान भारतीय है हम
भारतीयता को अपनाना चाहिये।।

जन्म दिन की खुशियों में
शुमार दावत दारू नाच गान
उपहार हैप्पी बर्थ डे जिओ
हज़ारों साल होना चाहिये।।

गर मौका मिल जाए
गर्ल फ्रेंड की बाहों में बाहें डाल
घुमाना चाहिये शायराना अंदाज़
बडा नाज़ जन्म दिन आता साल
में एक बार इश्क मोहब्बत प्यार
आजमाना चाहिए ।।

पूरे जश्न जोश खो जाए
होश दोस्तो संग मौज 
मौके का जौक शौख का
खास खुशियों का खुमार
आना चाहिये।।
भारत भारतीयता की परम्परा
तकिया नुकुसी जन्म दिन पर
भी मंदिर देवता आशीर्वाद
मन्नत मुराद नीरस नीरसता
पास भी नही जाना चाहिये।।

घटती सिमटती जिंदगी में
दान पुण्य पाप जन्म दिन
पर गर कर दिया रक्त दान
क्या फायदा बेवजह जन
कल्याण से खुद को बचाना
चाहिये।।
जोश जश्न से जन्म दिन मनाना
चाहिए।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

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