कुमकुम सिंह

आप यूं अचानक चले जाएंगे ,
हमें छोड़ तनहा कर जाएंगे ।
यह हमने सोचा ना था ,
वक्त ऐसा भी आएगा यह हमने जाना ना था।

आपके जैसा मुखारविंद हंसमुख चेहरा,
जैसे कि मानो कुछ कहने को तत्पर है।
काल ने किस तरह से अपने गाल में आपको समाया होगा,
आप को ले जाते वक्त उसको भी तो रोना आया होगा।

आपके परिजनों चित्त परिचितों का भी दिल दहलाया होगा,
ऐसे बहुमुखी को लेकर जाने में उसे शर्म भी तो आया होगा।
आप थे बहुगामी यह अपने कर्मों से दिखलाया हमें,
नीरज की तरह कीचड़ में भी खिल कर ,
अपने आप को कमल साबित कर बतलाया।
              कुमकुम सिंह

स्वर्गीय आदरणीय नीरज जी को मेरी यह चंद लाइने श्रद्धांजलि में भेंट स्वरूप, 🙏🏻🙏🏻💐🙏🏻🙏🏻

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