रेनू बाला सिंह

काव्य रंगोली मंच को नमन। 🙏

श्रद्धेय श्री नीरज अवस्थी जी को श्रद्धांजलि देते हुए अक्षय तृतीया पर एक कविता प्रस्तुत करती हूँ।

दिनाँक-14-0 5-2021
 दिन-शुक्रवार

शिवजी ने दिया धनुष
 जग माने श्रीराम परशु
 देख तेजमुखी लाल,पिता जमदाग्नि माँ रेणुका हरषु

जीतने वाले हैं परशुराम शिष्य हुए जिनके श्री राम विष्णुदेव के छठे अवतार कहलाए भगवन् परशुराम

भ्रगुवंशी पुरुषार्थ,पराक्रम स्वयंवर क्रोधाग्नि परिपूर्ण
फरसा धारी ध्यानी ज्ञानी गिरिवासी धरती के प्राणी

अक्षय तृतीय पुण्यतिथि शिव भक्त विष्णु अवतारी पिता के बहुतहिआज्ञाकारी गर्दन माता की काट डारी

पिता पुत्र की महिमा न्यारी वर मांगो पुत्र सुसंस्कारी
मां का जीवन दे दो मुझको उसके बिना है झोली खाली 

पाप पुण्य सब अक्षय होते बिन मुहूर्त सब काम पनपते स्वर्णिमसबअभिनंदनकरते 
अक्षय तृतीया वंदन करते ।

धन्यवाद ✍️
रेनू बाला सिंह 
स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित रचना 

गाजियाबाद उत्तर प्रदेश 201014

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