अभय सक्सेना एडवोकेट

(जाने कहां तुम चले गए ग्रंथ में प्रकाशन हेतु)
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स्व.आशुतोष कवि नीरज जी को मेरी यह रचना श्रृद्धा सुमन समर्पित।
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सदा नमन करूं मैं उनको
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अभय सक्सेना एडवोकेट
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मुझ ,खुश नसीब को
काव्यरंगोली से ,जुड़ने का 
इक ,मौका जो मिला।

धन्यवाद, देता हूं उनको
जिनके सहयोग ,से आपका
फिर, हमें साथ मिला।

मेरी, प्रकाशनार्थ रचनाओं को
आप की, भावनाओं का
फिर ,मुझे परसाद मिला।

"अभय,'जैसे रचनाकारों को
नीरजजी की, आत्मीयता का
अपने, सिरपर हाथ मिला।

छोटी ,छोटी त्रुटियों को
शिष्य स्वरुप, समझने का
सुंदर, सा सौभाग्य मिला।

सदा नमन करूं मैं उनको
कोरोना से दो दो हाथ किया
फिर शहीद "नीरज "को बैकुंठधाम मिला।
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अभय सक्सेना एडवोकेट
48/268, सराय लाठी मोहाल
जनरल गंज,कानपुर नगर।.9838015019,8840184088.

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