नूतन लाल साहू

अरजी

हम पर विपदा आई है भारी
किसने कि ऐसी निठुराई
कैसे आया ये काली साया
पीड़ा क्यों दे दी,इतनी विराट
हम भी तो है,तेरा ही अंश प्रभु जी
अरजी सुन लें आज
मानव जाति का न हो विनाश
स्थिति हमें,डरा रही है
घर से निकलना भी हो गया है मुसीबत
रोजगार और शिक्षा भी छीन ली
थम सा गया है,सफलता का सफर
यहां हर मोड़ पर
यमराज आता है नजर
अरजी सुन लें आज प्रभु जी
मानव जाति का न हो विनाश
रास्ता है मुस्किल, हाल है खस्ता
देवी देवताओं के मंदिर का
किवाड़ भी बंद है
बहुत बड़ा है,मुल्क हमारा
राम कृष्ण के इस धरा पर
ऐसी मुसीबत क्यों आया
अरजी सुन लें आज प्रभु जी
मानव जाति का न हो विनाश
किसे सुनाएं कड़वा किस्सा
हमारा घाव बड़े गहरें है
कौन सुनेगा किसको बोले
कौन बांटेगा,दर्द में हिस्सा
किसके आगे दिल को खोलें
हमें बता दो, ब्रम्हा विष्णु महेश
अरजी सुन लें आज प्रभु जी
मानव जाति का न हो विनाश

नूतन लाल साहू

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