नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

आत्मा से परम आआत्मा
की यात्रा सिद्धार्थ से बुद्ध
अवतार-----

बढ़ गया अन्याय क्रूरता अत्याचार 
पसरा व्यथि व्यभीचार।।
काया  मानव की माया विष्णु ने
लिया मनुज अवतार सिद्धार्थ।।

कपिल वस्तु लुम्बनी पावन भूमि अविनि आँचल अवतार जन्मा सिद्ध अर्थ का नाम ।।

शुद्धौधन महामाया के धन्य भाग्य जन्मा सिद्धार्थ जन्म भाग्य में बैराग्य।।

राज पाठ समाज जीवन सुख भोग विलास में रम जाए सिद्धार्थ माँ बाप के सारे प्रयास व्यर्थ बेकार।।

राम का चौदह वर्ष वनवास
कृष्ण कारागार ही जन्म भूमि
राज पाठ सुख भोग विलास का
स्वयं त्याग किया सिद्धार्थ।।

मर्यादा अवतार लीला अवतार
राम कृष्ण का रूप विष्णु
सिद्धार्थ जीवन सत्य आविष्कार
अवतार।।

जीवन की अवस्थाएं चार
बृद्ध बीमार मृत्यु  असहाय
जीवन की सच्चाई निकल
पड़ा सिद्धार्थ त्यागा भौतिकता
का संसार।।
पहुंचा राजगीर गया  मोक्ष का तीर्थस्थल सत्य सनातन का विश्वाश।।

बट बृक्ष की छाया मात्र सिद्धार्थ से बुद्ध की जीवन यात्रा आत्मा की परम यात्रा की यात्रा बुद्ध परमात्मा का
सत्य साकार।।                           

आत्म बोध का बोध 
बोध राजगीर बोध गया
बट  बृक्ष बोधि बट बृक्ष
बन गया युग का पारिजात।।

सारनाथ वाराणसी में
उद्देश्य उपदेश का प्रथम
सोपान ।।                              

हिंसा नही अहिंसा
धर्म सिद्धान्त का शंखनाद।।

अहिंसा परमोधर्म युग का
धर्म मर्म करुणा सत्य अहिंसा
सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के
परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

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