नूतन लाल साहू

ऐसा क्यों हो रहा है

सृष्टि का परम पिता है एक
नाम रख डालें किंतु अनेक
वही है राम,वही है अल्लाह
वही है खुदा,वही है गॉड
वही है कृष्ण,वही है क्राइस्ट
इंसान बनाया है,अपना अपना इष्ट
सभी ने दिया है जग में,प्रेम संदेश
मगर क्यों,धर्म के नाम पर
झुलस रहा है, देश
न जाने, क्या होगा अंजाम
धर्म के नाम पर,कब तक होगा कत्लेआम
ऐसा क्यों हो रहा है
नफरत और घृणा की आग
सुनाई देता है, हर ओर
छीन ली है, अधरों से मुस्कान
मानवता हो रहा है लहूलुहान
अगर प्यारा है हिंदुस्तान तो
लगाओ इस पर शीघ्र विराम
धर्म के नाम पर, कत्लेआम
ऐसा क्यों हो रहा है
मिलजुलकर कुछ ऐसा करें कि
अपनापन तनिक न हो, बाधित
खुदा के बंदों, मनु जी का संतान
धर्म के नाम पर, न घोलो जहर
आगजनी,लूट और हत्या को
रोकना ही है,मानव का धर्म
सभी रहें,खुशहाल
ऐसा ही कुछ करों उपाय
धर्म के नाम पर कत्लेआम
ऐसा क्यों हो रहा है

नूतन लाल साहू

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