विजय मेहंदी

सम्मानित देश वासियों यह शब्द-यात्रा प्रार्थनीय है---👇🕌🛕🙏
     🛕" यूपी की तीर्थयात्रा "🕌

(धुन-आओ बच्चो तुम्हें दिखाये, झांकी हिन्दुस्तान की,-----)

आओ बच्चो तुम्हें दिखाये,
                             यूपी हिन्दुस्तान की।
इस मिट्टी को नमन् करो,
                        ए मिट्टी तीर्थ स्थान की।
इस माटी को नमन्-----इस माटी को नमन्
इस माटी को नमन्-----इस माटी को नमन्   ------------------------(2)-----------------------=========================
इस मिट्टी में जन्म लिये,
                    श्री कृष्ण और प्रभु राम थे।
इस मिट्टी में ही जन्मे,
                    श्री तुलसी,कबीर महान थे।
सरयूतट पर बसी अयोध्या,
                  जहाँ जन्म लिये प्रभु राम थे।
 बंदीगृह  मथुरा  में  जन्मे ,
               देवकीनन्दन कृष्ण भगवान थे।
जमीं अयोध्या नगरी,मथुरा,
                     जननी   हैंं   भगवान  की।
इस मिट्टी को नमन् करो,
                      ए मिट्टी  तीर्थ स्थान  की।
इस माटी को नमन्-----इस माटी को नमन् 
इस माटी को नमन्-----इस माटी को नमन् 
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यमुना तट पर बसी याद,
                          महल आगरा ताज है
शाहजहाँ था बनवाया यह,
                     ए स्मृति-कृति सरताज है।
ताजमहल ए विश्व प्रसिद्ध,
                      यह यादगार  मुमताज  है।
यादमहल दुनिया में  यह,
                     अद्भुत महलों का ताज है।
 आओ बच्चो बुने योजना,
                    इस ताजमहल प्रस्थान की।
इस मिट्टी को नमन् करो,
                      ए मिट्टी  तीर्थ स्थान  की।
इस माटी को नमन्-----
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संगम पर है बसा प्रयाग,
                   जहाँ गंगा-यमुना दोआब है।
चारों कुम्भो में महाकुम्भ है,
                       ए कुम्भो का सरताज है।
यह पावन संगम तीर्थो का,
                      यहाँ जिला  प्रयागराज है।
ऐतिहासिक महत्त्व है इसका,
                     यहाँ  " पार्क आजाद "  है।
यहाँ तीर्थयात्री दुनियाँ के,
                  लेते डुबकी संगम-स्नान की,
इस मिटटी को नमन् करो,
                        ए मिट्टी तीर्थ-स्थान की।
इस माटी को नमन्-----------------------
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गंगा तट पर काशी नगरी,
                           ए तीर्थो का सम्राट है।
कदम कदम पर गंगा तट पर,
                            यहाँ निराला  घाट है।
दशाश्वमेध घाट सहित यहाँ,
                            पावन अस्सी-घाट है 
यहाँ का मालवीय-विश्वविद्यालय,
                    "बीएचयू" विश्वविख्यात है। यात्रा बौद्ध-भिक्षु करते,
                     यहाँ "सारनाथ-स्थान" की।
इस मिट्टी को नमन् करो,
                      ए  मिट्टी  तीर्थ-स्थान की।
इस माटी को नमन्----इस माटी को नमन् 
इस माटी को नमन्----इस माटी को नमन् 

(मुश्किल सभी यात्रा करना , वृहद यूपी के तीर्थस्थान की---🤷‍♂️) 
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रचना- " विजय मेहंदी " कविहृदय शिक्षक 
कन्या कम्पोजिट इंग्लिश मीडियम स्कूल शुदनीपुर,मड़ियाहूँ, जौनपुर (यूपी)🙏
📱 91 98 85 22 98

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