नूतन लाल साहू

टूटती उम्मीदों की उम्मीद

जिंदगी जख्मों से भरी हुई है
वक्त को मरहम बनाना सीख लो
मानव जीवन एक अवसर है
यही तो टूटती हुई उम्मीदों की उम्मीद है
कर्म वीर के मन में
कुछ कर गुजरने की
ऐसी आग होती है
जिसे वे अपने कर्म रूपी ईंधन से
सदा प्रज्जवलित रखते है
यही तो,सफलता का मूल मंत्र है
मानव जीवन एक अवसर है
वक्त को मरहम बनाना सीख लो
यही तो टूटती हुई उम्मीदों की उम्मीद है
काले क्षणों के बीच में
मानव जब शून्य से होकर
प्रकट होता है
आखिरी मंजिल नहीं होती
कही भी दृष्टिगोचर
तब कर्मवीर का आत्मविश्वास ही
नई उम्मीदें जगाती है
मानव जीवन एक अवसर है
यही तो टूटती हुई उम्मीदों की उम्मीद है
पंथ जीवन का चुनौती
दे रहा है हर कदम पर
सुखी वही है जो
संकटों से सामना करने
हमेशा रहता है तत्पर
जब झकझोर देती है,लहराती हुई हवाएं
आती है,आंधी और तूफान
तब मानव का सजगता और आत्मविश्वास ही
बहुरंगी सुमनो से लदकर
सहसा दौड़ती है,हरियाली बनकर
जिंदगी जख्मों से भरी हुई है
वक्त को मरहम बनाना सीख लो
यही तो टूटती हुई उम्मीदों की उम्मीद है
जो सुधरने का अवसर देता है

नूतन लाल साहू

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