एस के कपूर श्री हंस

।।विश्व घर परिवार दिवस,*
*15 मई के   अवसर   पर।।*
*।।प्रेम से भरा ,  घर   परिवार ,*
*स्वर्ग से सुंदर ,उसका संसार।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
जहाँ प्रेम   का   उपहार   हो
वो घर परिवार है।
जहाँ सहयोग ही  आधार हो
वो घर परिवार है।।
जहाँ लोग   जीते   मरते  हों 
एक दूजे के लिए।
जहाँ   आशीर्वाद आभार हो
वो घर परिवार है।।
2
जहाँ माता पिता से   सीखते
हों संस्कार बच्चे।
जहाँ दादा    दादी   से   लातें
हों   प्यार   बच्चे।।
जहाँ सुख दुःख के  साथी हों
सब ही  घर  वाले।
वो ही घर परिवार  जहाँ  पाते
सबका दुलार बच्चे।।
3
घर परिवार में रहती   भावना
बस   समर्पण  की।
एक दूजे के   लिए करने  को
कुछ भी अर्पण की।।
छल कपट भेद भाव   से  दूर
घर होता स्वर्ग समान।
ऐसे परिवार को  जरूरत नहीं
किसी भी दर्पण की।।

*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।।*
मोब।।।।।      9897071046
                    8218685464

*।।  प्रातःकाल   वंदन।।*
🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂

नव दिवस  में   नई    ऊर्जा
हर स्वप्न साकार    आपको।
सुख   स्वास्थ्य और   शान्ति
से ही रहे सरोकार   आपको।।
नव प्रभात की धवल   रश्मि
हर ले हर दुःख ओ    संताप।
*प्रातःकाल का ह्र्दयतल से*
*वंदन नमस्कार      आपको।।*
👌👌👌👌👌👌👌👌
*शुभ प्रभात।।।।।।।।।।।।।।।।।*
*।।।।।।।।।।।।।।  एस के कपूर*
👍👍👍👍👍👍👍👍
*दिनाँक  16   05      2021*


।।आज का विषय।।बाल साहित्य।।*
*।।शीर्षक। बच्चों को चमक ही*
*चमक नहीं,रोशनी चाहिये।।*
1
बच्चों को मंहगे त्यौहार  नहीं,
उन्हें संस्कार  दीजिये।
उनको अपनी  अच्छी  सीखों,
का   उपहार  दीजिये।।
आधुनिक खिलौने तो ठीक है,
परन्तु  उनके लिए भी।
कैसे करें   बड़ों से  बात   वह,
उचित व्यवहार दीजिये।।
2
बच्चों   को   अभिमान   नहीं,
स्वाभिमान   सिखाइये।
आलस्य  नहीं    गुण    उनको,
श्रम दान      बताइये।।
बच्चों को चमक ही चमक नहीं,
चाहिये उनको  रोशनी।
दिखावा नहीं आदर आशीर्वाद,
का गुणगान  दिखाइये।।
3
बच्चों को भी सिखाइये   कैसे,
बनना  है   आत्मनिर्भर।
प्रारम्भ से ही    बताइये    कैसे,
बढ़ना है  जीवन सफर।।
अच्छी आदतें  पड़ती हैं   अभी,
कच्ची   मिट्टी    में    ही।
जरूर सुनाइये कथा साहस की,
दूर करना है उनका डर।।
4
नींव ही   समय  है  जब बात हो,
बुलंद    इमारत     की।
कैसी होगी आगे  की    जिन्दगी,
उस    इबारत      की।।
आगे बढ़ने के गुण   डालिये शुरू,
से  ही    भीतर  उनके।
वह शुरू से ही पढ़ाई पढ़ें मेहनत,
और     शराफत    की।।
*रचयिता।। एस के कपूर "श्री हंस*"
*बरेली।।*
मो।।।       9897071046
               8218685464

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