अभय सक्सेना एडवोकेट

वक्त बड़ा बेदर्द हुआ है
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अभय सक्सेना एडवोकेट
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हाल बड़ा बेहाल हुआ है,
समय नहीं कुछ कहने का।
वक्त बड़ा बेदर्द हुआ है,
समय है घर पर रहने का।

 मतकर तू जिद किसी बात की,
समय नहीं बाहर निकलने का।
तू जीले जिंदगी सादगी की,
बाहर खतरा है जान निकलने का।
वक्त बड़ा बेदर्द हुआ है,
समय है घर पर रहने का।

चारों तरफ हाहाकार मचा है,
डर है अपनों से ठगने का।
बेईमानों का बाजार सजा है,
गम है अपनों से लुटने का।
वक्त बड़ा बेदर्द हुआ है,
समय है घर पर रहने का।

कोरोना को समझने में भूल हो गई,
समय ना मिलेगा सम्हलने का।
मत कर चूक चूक हो गई,
सहना पड़ेगा गम अपनों का।
वक्त बड़ा बेदर्द हुआ है,
समय है घर पर रहने का।

गर अभी तू सम्हल गई तो,
मौका अभी है सम्हलने का।
घरवालों की बात मान लें,
सहना ना पड़ेगा गम बिछड़ने का।
वक्त बड़ा बेदर्द हुआ है,
समय है घर पर रहने का।
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अभय सक्सेना एडवोकेट
48/268,सराय लाठी मोहाल,
 जनरल गंज, कानपुर नगर।.9838015019,8840184088

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