एस के कपूर श्री हंस

 Kavi S K KAPOOR Ji: 💐💐💐💐💐💐💐
*Good......Morning*
*।।  प्रातःकाल   वंदन।।*
🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂

सुबह प्रणाम   का रिवाज
यह     बहुत     जरूरी है।
दूर रह  कर    भी   घटती
जाती       इससे   दूरी  है।।
शुभकामनाएं     देती    हैं
इक़       नव ऊर्जा संचार।
*प्रतिदिनअभिवादन दिलों*
*को पास लाताभरपूरी है।।*
👌👌👌👌👌👌👌👌
*शुभ प्रभात।।।।।।।।।।।।।।।।।*
*।।।।।।।।।।।।।।  एस के कपूर*
👍👍👍👍👍👍👍👍
*दिनाँक   21     05      2021*

।।रचना शीर्षक।।*
*।।कभी आशा,कभी निराशा*
*यही जीवन की परिभाषा है।।*
*।। विधा।।मुक्तक।।*
1
कुछ   खोकर      यह   पाने 
की  आशा       है।
यही तो जीवन    की   सही
परिभाषा       है।।
कभी खुशियों     की    धूप
या गम की   छाँव।
चलना हर स्तिथि  में   यही
उचितअभिलाषा है।।
2
जोड़ जोड़ कर        घरौंदा 
इक़    बनता   है।
यह आशियाना    झटके में
उजड़ता       है।।
पतझड़ बिन नये  पत्ते पेड़
पर आते हैं नहीं।
सफलता मंत्र  कठनाई  से
ही गुज़रता  है।।
3
किसी स्तिथि में मत  छोड़ो    
तुम आस का दामन।
मुसीबत में काम आता बस
विश्वास का दामन।।
तूफान   आता    जरूर  पर
गुज़र कर रहता है।
कठनाई कितनी न पकड़ना
निराश का दामन।।

*रचयिता।।एस के कपूर "" श्री हंस""*
*बरेली।।।।*
मोब।।।।।    9897071046
                  8218685464

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...