कलमकार कभी मरता नहीं!
काश,एक बार फिर आप मिलने आते,
आप मुझे फिर से समझाने आते।
गलतियों का पुतला होता है इंसान,
मेरी उन गलतियों को सुधारने आते।
हौसलाफजाई तो करते ही रहते थे,
आप मेरी मंजिल मुझे दिखाने आते।
मैं जानता हूँ हे! कर्मवीर आप नहीं हैं,
पर अपनी दुवाओं से नवाजने आते।
एक कलमकार कभी मरता नहीं,
करते ही याद पैगाम देने आते।
भौतिक काया ये रहे, या न रहे,
पर अमन की लोरी सुनाने आते।
कलम की जुबां से बोये क्रांति के बीज,
लहलहाती ये फसल देखने आते।
नमन है आपको,आपकी कीर्ति को,
होते तो इन रिश्तों को सींचने आते।
भगवान दे आपकी आत्मा को शान्ति,
आप अपने अनुभव साझा करने आते।
रामकेश एम.यादव(कवि,साहित्यकार),मुबई,
नाम : रामकेश एम. यादव, (लेखक )
पता : काजूपाडा, कुर्ला पश्चिम, मुंबई :400072
रचना : स्वरचित -मौलिक रचना,
दिनांक :23/05/2021
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें