कुमकुम सिंह

शीर्षक-   मुस्कुराहट      
    
   दे सकते हो तो दे दो ,
           किसी को मुस्कुराहट उधार।
 कभी ना उससे वापस मांगना ,
             फिर से मेरे यार ।
मुस्कुराने की वजह बन जाओ ,
            बस यही फलसफा याद रखो
 मेरे दिलदार ।
अगर किसी को कुछ देना है तो ,
        थोड़ी सी खुशियां दे दो ।
गम तो मिल जाते हैं,
        हर मोड़ पे बिन मांगे हजार।
 इसलिए हो सके तो दे दो ,
        खुशियां एक दूसरे को उधार।
 जिस से बनी रहे ,
          खुशियां बेशुमार।

           कुमकुम सिंह

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