डॉ0 हरि नाथ मिश्र

*बरगद*(दोहे)
पूजनीय वट-वृक्ष है,शीतल इसकी छाँव।
शुद्ध वायु का स्रोत यह,परम रुचिर खग-ठाँव।।

सदियों तक सेवा करे,बूढ़ा बरगद पेड़।
औषधीय यह वृक्ष है,इसको कभी न छेड़।।

देव तुल्य वट-वृक्ष का,रखना है अब ध्यान।
नया वृक्ष रोपण करें, तब होगा सम्मान।।

जागरूक अब हो सभी,रोकें वृक्ष-कटान।
जीवन में वट-वृक्ष का,है अद्भुत अवदान।।

आओ मिलकर सब करें,बरगद-रोपण-काम।
पीपल-बरगद-नीम से,बने धरा सुख-धाम।।
            ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                 9919446373

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