मधु के मधुमय मुक्तक
🌹🌹 *गंगा*🌹🌹
◆ हेमवती मंदाकिनी, गंगा जी का नाम।
गंगोत्री उद्गम हुआ, पुण्य सुसंस्कृति धाम।
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी हुआ , माँ गंगा अवतार ,
तृप्ति मुक्ति शुभदायिनी , शरणागत निष्काम ।।
◆ पार्श्व शिखर नारायणी, पहुँची ये हरिद्वार ।
देवधरा पर आ बसीं , भक्ति मुक्ति का सार।
शिव नगरी वाराणसी, गंग विराजें मूल।
हर हर गंगे शुभ सदा , मातृ शक्ति विस्तार।।
◆ गंगा माँ शुभदायिनी, धर्म- कर्म की ज्योत।
पौराणिक गाथा कहे , रहे साधना प्रोत।
ब्रह्मपुत्र अरु सिन्धु शुभ , गोदावरी स्वरूप,
सुखद नदी संगम करीं, बनी भव्य नद स्रोत।।
◆ गंग दशहरा शुचि सतत् , निर्मल शुभ संदेश।
भवसागर से तारती, हरती मानव क्लेश।
जटा सदा शिव धारते, पूजनीय अवतार,
पावन गंगा वास से, शोभित भारत देश।।
*मधु शंखधर स्वतंत्र*
*प्रयागराज*✒️
*20.06.2021*
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