गजल - सियासत!
क्या हवा अब चल रही है, क्या सियासत देश में!
क्या गजब अब ढा रहें हैं, अब हमारे देश में!!1!!
सब किराना तेल मीठा, भाव इतना बढ़ गये!
देख लो अब यही ईधन, मार -मारें देश में!!2!!
ये सियासत कुछ दिये ना ए, सिर्फ़ महगाई दिये!
जन सभी का माँस नोचें, बांँण मारें देश में!!3!!
अर्थ ,गल्ले दे निबाला, लूट माँगा था वही!
पा गया जनमत सभी का, शोर सारे देश में!!
जन गरीबी में फसें हैं, सरकार माला- माल है!
भूँख में ब्याकुल सभी जन, लूट मारें देश में!!
है यही सरकार मेरी, ना गरीबी ध्यान दे!
दे रहीअपने हि चमचों, लूट मारें देश में!!
देख यह सरकार मेरी, कर रही मन -मान है!
सब अमीरों को दियें है, दीन मारे देश में!!
अमरनाथ सोनी "अमर "
9302340662
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