अतुल पाठक धैर्य

शीर्षक-ज़िन्दगी एक फ़न है
विधा-कविता
-------------------------
ज़िन्दगी एक फ़न है,
फ़नकार बनकर जीया करो।

किसी और की न सोचना,
सिर्फ अपने दिल की सुना करो।

बीते लम्हे गर अच्छे न हों,
तो बुरा सपना समझ भूल जाया करो।

ज़िन्दगी एक ख़ूबसूरत नायाब तोहफ़ा है,
इसे बेहतरी से जीकर और बेहतर बनाने की कोशिश किया करो।

आज को अभी को पल-पल को ख़ुशनुमा बनाया करो,
होंठों पे अपने हँसी मुस्कुराहट लाया करो।

खुलकर जीने का नाम ही ज़िन्दगी है,
बिंदास और बेबाक़ होकर ख़ुशी के गीत गाया करो।

रचनाकार-अतुल पाठक धैर्य
पता-हाथरस(उत्तर प्रदेश)
मौलिक/स्वरचित रचना

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511