'रक्त का रक्त ही विकल्प'
रक्तदान है महापुण्य,इससे बड़ा न धर्म
मरते को जीवित करे,जान लीजिए मर्म
रक्त न देखे जात-धर्म,रंग लहु का एक
रक्तदान कर प्राण बचाले,कर्म यही है नेक
रक्तदान है महादान,इसका नहीं विकल्प
स्वस्थ हो तो आज ही रक्तदान का लें संकल्प
चंचल हरेंद्र वशिष्ट,नई दिल्ली
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