नंदिनी लहेजा

नमन माँ शारदे
विषय-आकांक्षा

आकांक्षाएं  जीवन को सही ढंग से जीने का लक्ष्य है देती
आकांक्षाएं   जीवन में कभी हार न मानने के लिए प्रेरित है करती
आकांक्षाओं  के कारण ही तो  जीने का मज़ा आता
आकांक्षाओं से ही तो सपने पूरे  करने का जज्बा आता
गर  कोई आकांशा  तू मन में न संजोएगा
उदासीन सा जीवन तेरा यूहीं बीत जाएगा
अलग अलग मोड़ जो जीवन में है आते
आकांक्षाओं के मायने भी संग उनके बदल जाते
पर इक बात याद रखना सदा प्यारे
हावी न होने देना आकांक्षाओं को रिश्तों पर कभी
बिना रिश्तों के पूरी हुई भी आकांक्षाएं  तो क्या
किसके संग मनाएगा उनके पूरे होने की ख़ुशी

नंदिनी लहेजा
रायपुर (छत्तीसगढ़)

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...