हाइकु 35
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शिक्षा
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आज की शिक्षा
औपचारिक बनी
संस्कार नहीं।
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आधुनिकता
हावी होती जा रही
ये कैसी शिक्षा।
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संस्कार बिन
व्यर्थ हो रही शिक्षा
खतरनाक।
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शिक्षा समृद्धि
तभी बात बनेगी
जरूरत है।
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रोजगार भी
जब दे सके शिक्षा
तभी औचित्य।
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शिक्षा संयम
संस्कार, रोजगार
तब सफल।
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नैतिक शिक्षा
आज की जरूरत
सबको मिले।
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ये कैसी शिक्षा
कभी काम न आये
बेमतलब ।
◆ सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित
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