जय जिनेंद्र देव

*योग दिवस*
विधा : कविता

रोज सबेरे तुम सब जागो 
नित्य क्रियाओं से निवृत हो। 
फिर योग गुरु को याद करो
और योग साधना तुम करो। 
स्वस्थ और निरोगी रहोगे तुम
और एकदम सुंदर दिखाओगें। 
मानव शरीर का अंग व पुर्जा 
एक दम से तुम्हारा चुस्त रहेगा।। 

बाग या घरका आंगन में 
तुम नित्य करो योगसन। 
महापुरुषो ने बनाये थे
अपनी त्याग तपस्या योगसन। 
जो भी योग को जीवन मे अपनाता 
पूरी जिंदगी अपने को स्वस्थ पाता। 
इसलिए योग से मिट जाते 
मानव शरीर से पुराने आदि रोग।। 

बैठकर इसकी साधना में तुम
अपने आपको रोगों से बचाओ। 
दवा डाक्टर आदि के चक्कर से
नित्य योग करके अपने को बचा लो। 
भागम भाग भरे इस जिंदगी में 
अपने आपको चुस्त रखने के लिए। 
शाम सबेर कम से कम आधा घंटे
रोज योगा करने का नियम ले लो।
और योग दिवस को सार्थक बन दो।। 

जय जिनेंद्र देव 
संजय जैन "बीना" मुंबई
21/06/2021

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