अलका जैन आनंदी

रक्तदान दोहे

बडा न इससे दान हैं, सदा बचाता जान।
 रक्त तो बहुमूल्य है, कीमत लो पहचान।।
 रक्तदान जो कर रहे, है यह दान महान।
 बने दुबारा जल्द ही, देते जो श्रीमान ।।

संकट में जो दान दे,करे सभी सम्मान ।
रक्त पुनः बन जाएगा, लौट न आती जान।।
 हर पल होता कीमती, कर लो लोगों दान,
खोया अवसर नींद में, कैसे हो सम्मान।।

 कर्म धर्म के साथ में, हुआ परीक्षा काल। 
 मौका मिला भाग्य से, तुम बन जाओ ढाल।।
दान रक्त भारत करें, जिसमें हो संस्कार ।
सदा बचाता जान है, पावन बड़े विचार।।

 पाँच जून उत्तम दिवस, रक्त दान को मान ।
  त्रि मास अंतराल से,  सब देते  सम्मान।।
दाता बनकर तुम जियो, जीवन है संगीत।
 रक्तदान उत्तम बड़ा ,जानो मेरे मीत।।

 ज्ञान ध्यान सब कुछ करो ,जग में पाओ मान।
 कार्य बड़ा महान है ,रक्त करें जो दान।।
जाति धर्म कोई रहे ,रंग रक्त का लाल ।
संकट में जो साथ दे, बनताद वही मिशाल।।

 रक्तदान करके मिले, हृदय को सुख अपार।
 समय पर जो कर न सका,फिर देखें लाचार।।
लौह तत्व लेते नहीं, होता फिर कम खून।
 सेव अमरूद लीजिए,होए लहू फिर दून।।

अलका जैन आनंदी

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