अरुणा अग्रवाल

नमन मंच,माता शारदे,सुधिगण
शीर्षक "योग दिवस"
21।06।2021।

विश्व "योग दिवस"की शुभकामना
समग्र जगत में फैले योग-मोहन,
भारतवर्ष है उसका जननी-महती,
आज हर देश ने योग को अपनाया।।

आधि,व्याधि,उपाधि रहित,जीवन
बड़ा भाग्य से मिलता कहें,मुनियों
योग का सम्मिलित होना,दिनचर्या
नितान्त है जरूरत,मिले निरोगी-काया।।

निरोगी काया बिना माया बेकार,
चूंकि न उपभोक्ता,आनंद,पाता,
गलत दिनचर्या,खान-पान,से रोग,
वृद्धावस्था आ जाता,शीघ्रतिशीघ्र।।

दर दर भटकता व्यक्ति,पिछे वैद्य,
दवा का सेवन,तनाव से व्याकुल,
योग और आध्यात्म बिना,दुर्दशा,
समझने लगा विश्व आज,योग का मूल्य।।

भारतका पुरातन सभ्यता,सनातन
जिसने शुरू किया योग,आसन,
ब्रह्ममूहूर्त से उठाने का है फायदा
जनमानस के लिऐ वेशकीमती-धन।।

आज से नहीं अभी से हो शुरू,
ताकि न हो परेशानियां,काया,
निरोगी काया है सर्वाधिक,जरूरी
"योग दिवस"पे सबको,सद्भावना।।

अरुणा अग्रवाल।
लोरमी,छःगः,
🙏🌹🙏

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