नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

खुदा का नूर, चश्मे बद्दूर गुले गुलज़ार कि  ख्वाहिश ख्वाब खुशबू बाहर कि मस्ती कि हस्ती कि रौनक !!
नादा, नाज़ुक, कमसीन भोली करम किस्मत कि खिली कली कमल सुर्ख सूरज कि लाली ओठों, गलों का ईमान  हुस्न के इश्क के दीदार कि रौनक !!
 ख्वाबों कि हसरत, जन्नत कि जीनत सांसो, धड़कन कि चाहत, राहत कि रौनक !!
 फिजाओं की हवाओं में विखरी जुल्फों में छुपा चांद सा चेहरा दिवानों कि दीवानगी के जज्बात कि रौनक!!

जवां दिल कि दस्तक, जुनून कि जानम मोहब्बत कि मल्लिका जिन्दगी मकसद मंज़िल  सौगात कि रौनक!!

मतवाली, बलखाती, मचलती जमीं पे चांद कि चांदनी बाला हाला मधुशाला कि शान कि रौनक!!
तमाम मन्नातों मुरादों कि हकीकत दुनियाँ कि अजीम नाज़ कि दौलत आरजू के आसमान कि रौनक!! किसी नज़रों का पैमाना किसी के अरमां का खजाना किसी कि आँहो का बहाना जमीं कि चांदनी जमाने के मुस्कान कि रौनक!!
 
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

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