एस के कपूर श्री हंस

। कोई एक बेमिसाल कहानी*
*होनी चाहिये जीवन में।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
छूने को      ऊपर       ऊँचा
आसमान       है।
जीवन संघर्ष  का   अनुभव
महान           है।।
कोई एक हार नहीं  है  अंत
जीवन          का।
आगे भी कर्म है, पहचान है,
सम्मान         है।।
2
आचार,  विचार,    सदाचार,
जरूरी है जीवन में।
संस्कार,    व्यवहार,   सुधार,
जरूरी है जीवन में।।
हार कर    बिखर   जाना  तो
अच्छी बात नहीं है।
हर हाल लेकर आना निखार  
जरूरी है जीवन में।।
3
सोच और रास्ता अच्छा होना
चाहिये जीवन में।
किताबेंओ दोस्त  सच्चा होना
चाहिये जीवन में।।
ग़लत राहऔर सोच से बिखर
जाती  है  जिन्दगी।
एक बात दिल में  बच्चा  होना
चाहिये जीवन में।।
4
काम के लिए    दीवानगी होनी
चाहिये जीवन में।
रुकी रुकी  नहीं  रवानगी होनी
चाहिये जीवन में।।
तेरी जिन्दगी की    बानगी   की
मिसालें  दें   लोग।
कोई इक़ बेमिसाल कहानी होनी
चाहिये जीवन में।।

*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।।*
मोब।।।।।।    9897071046
                    8218685464
 ।एस के कपूर "श्री हंस", 06,*
*पुष्कर एनक्लेव, स्टेडियम रोड,*
*बरेली,243005(ऊ प)*
*।।कविता शीर्षक।।।जीवन अर्थ मर्म का विनाश है अहंकार।।*
*।।विविध मुक्तक ।।*
1,,,,
*मनुष्य में  ईश्वर का वास होता है।।*

जिस दिन इंसान  को इंसान में
इंसान  नज़र               आयेगा।
दूसरे  के  मान   में   ही  अपना
सम्मान नज़र              आयेगा।।
जब त्याग देगा अहंकार कि सब 
हैं एक ईश्वर              की संतानें।
आदमी   को आदमी  में  ही तब
भगवान              नज़र आयेगा।।
2,,,,,,,
 *जो याद रहे वह कहानी बनो।।*

बस   अपना  ही   अपना  नहीं
किसी और पर मेहरबानी बनो।
चले जो   साथ हर    किसी  के 
तुम ऐसी  कोई   रवानी   बनो।।
जीवन अहंकार का नहीं है कुछ
नया  कर  दिखाने    का   नाम।
कोई भूल बिसरा   किस्सा  नहीं
जो याद रहे  वो  कहानी   बनो।।
3,,,,,,,,
 *जीवन की आखिरी शाम।।*

न जाने     कब    जीवन   की
आखरी शाम          आ  जाये।
वह  अंतिम    दिन     बुलावा
जाने का पैगाम आ       जाये।।
सबसे  बना  कर    रखें    हम
छोड़   कर   अहंकार      को।
जाने  किसी   की दुआ    कब
जिंदगी के काम आ       जाये।।
4,,,,,,,,,,
 *बस प्रेम का नाम मिले तुमको।।*

जिस  गली से  भी  गुज़रो बस
 मुस्कराता  सलाम हो  तुमको।
अहंकार को  तुम  छोड़  सको
बस  यही  पैगाम  हो   तुमको।।
दुआयों का लेन देन हो तुम्हारा
बस  दिल  की   गहराइयों  से।
प्रभु से करो   ये   गुज़ारिश कि
बस  यही  काम   हो    तुमको।।
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री*
*हंस"।।बरेली।।*
मोब  9897071046।।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।।

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