एस के कपूर श्री हंस

।।आपके शब्द ही जाकर आपकी*
*पहचान बनते हैं।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
आपका शब्द   नहीं   आपका
संस्कार बोलता है।
आपकी वाणी  नहीं  व्यक्तित्व
आकार बोलता है।।
योग साधना    आराधना  सब
व्यर्थ बिना भाव के।
आपका   लहज़ा   खुद ही हर
प्रकार     बोलता है।।
2
आपकी छाप हमेशा दूसरों  पर
असर       करती   है।
आपकी शालीनता  दुनिया  को
खबर     करती     है।।
ज्ञान सेअधिक  व्यवहार  बनता
है सफलता की निशानी।
विषम परिस्थिति  आपकी सोच
कैसा सबर करती है।।
3
जो भी बोलोअच्छा बोलो बोलो
सोच    समझ   कर।
कुशब्द  प्रयोग बजाय  निःशब्द
ही        गुज़र   कर।।
शब्दों के दाँत नहीं पर काटते हैं
बहुत    गहरे   तक।
बोलो हमेशा   ही       ऊपरवाले
से    जरा डर कर।।
4
जो भी बोलो कि    सीधा    दिल
में  उतर        पायो।
यूँ न बोलो कि   किसी    के दिल
से   उतर       जायो।।
तेरे शब्द तेरा आईना तेरी   बनते
इक़    पहचान     हैं।
हमेशा इस    कसौटी पर खरे  ही
उतर      कर  आयो।।

*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।।*
मोब।।।।।।      


। प्रातःकाल   वंदन।।

प्रातःकाल स्नेहिलअभिवादन
संप्रेषित है आपको।
नेह   स्नेह   सप्रेम    संबोधन
निवेदित है आपको।।
दुआओं मेंआप रहते हैं हमारे
हर रोज़ हर तरह से।
*श्रीयुत सादर  प्रणाम  वंदन*
*अग्रेषित हैआपको।।*
👌👌👌👌👌👌👌👌
*शुभ प्रभात।।।।।।।।।।।।।।।।।*
*।।।।।।।।।।।।।।  एस के कपूर*
👍👍👍👍👍👍👍👍
*दिनाँक 16.  06. 2021*
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