चंचल हरेंद्र वशिष्ट

संकट की बेला में श्री राम भक्त हनुमान और संकटमोचन वीर बजरंगी के जन्मोत्सव पर लिखी एक करबद्ध प्रार्थना:

'हम भक्तों की है ये करुण पुकार,
संजीवनी ले आओ फिर एक बार'

'हाथ जोड़ विनती करूँ सुनो वीर हनुमान
दया कीजिए भक्तों पर, संकट में हैं प्राण'

पवन पुत्र अंजनि के  लाला
विनय सुनो हनुमंत कृपाला

संकट मोचन मारुति नंदन
हाथ जोड़ करूं अभिनंदन

चहुँ ओर संकट  गहराया
कोरोना व्याधि का साया

केहि विधि   होय उपचारा
त्राहि त्राहि है विश्व  पुकारा

कौन हरे जन जन की पीड़ा
तुम्हरे काँधे अब यह बीड़ा

तुमको देख काल डर भागे
जाप करें तो भाग्य हैं जागे

बेगि आओ हनुमान गुसाईं
करो कछु विधि तुम्हीउपाई

अपनी शक्ति पुन:दिखाओ
संजीवनी धरा पर   लाओ

तुम हो अजर अमर रणधीरा
देहु शक्ति संसार    को बीरा

रामभक्त तुम अति सुखदाई
जाने सब   तुम्हरी  प्रभुताई

भक्तों को है अब आस तुम्हारी
सुन लीजो अब विनय  हमारी

तुम्हरो दरस केहि विधि पाऊँ
केहि भाँति मैं   तुम्हें    मनाऊँ

जिस पर होय कृपा तुम्हारी
आनंद मंगल होय   सुखारी

तुम्हरो    हमें भरोसा भारी
मिटा देहु प्रभु यह महामारी

सुनहुं अरज हे  बजरंग बाला
भक्तन पर होऊ सदा दयाला

'मेरी यह विनती सुनो  हे पवनपुत्र हनुमान
विपदा को हर लीजिए,कीजे तुरत निदान'

चंचल हरेंद्र वशिष्ट,नई दिल्ली
हिंदी प्राध्यापिका,थियेटर शिक्षिका एवं कवयित्री
९८१८७९७३९०

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