चेतना चितेरी

पिता
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जिनसे जग में मेरी है पहचान 
कर लूं मैं उनका नित ध्यान।
माता– पिता की सेवा ही कर्म सम्मान
कर लूं मैं उनका नित गान।
सारे  तीरथ हैं उनके चरणों में
कर लूं मैं उनकी वंदना बारंबार।

मौलिक_
 चेतना चितेरी, प्रयागराज
21/6/2021,4:45pm

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