नूतन लाल साहू

प्रेम और स्पर्श

जिसने भी किया ध्यान
सच्चे मन से ईश्वर का
बडभागी है वह इंसान
उसे कोई क्लेश
स्पर्श न किया
प्रेम और क्या है
जीवन का ही गायन है
सिर्फ सांसे ही जरूरी नहीं है
जो हमको रखे जिंदा
बहुत जरूरी है
जीवन की धमनियों में
प्रेम रसायन
पोथी पढ़ी पढ़ी जुग गया
पंडित बना न कोय
ढाई आखर प्रेम का
पढ़य सो पंडित होय
ऐसी कौन सी समस्याएं है
जो प्रेम से न सुलझा हो
जो चाहता है
हो बात मधुरता की
और जीवन स्वर्ग बनें
वह कुछ ऐसी कोशिश करें
जिससे मजबूत हो
सबसे मैत्री संबंध
सफलता का सफर
टेढ़ा बड़ा है
यहां हर मोड़ पर
दुश्मन खड़ा है
पर जिसने भी किया ध्यान
सच्चे मन से ईश्वर का
बडभागी है वह इंसान
उसे कोई क्लेश
स्पर्श न किया

नूतन लाल साहू

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