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*पिता दिवस*
कविता
*पिता एक उम्मीद*
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पिता एक उम्मीद भरी मिठास,
हर समय जरूरत पड़ती है।
अनुशासन की अखंड ज्योति वो,
जीवन जीना सिखलाती है।।
पिता एक उम्मीद से भरा रथ,
संस्कार की अनुपम माला है।
जीवन यापन भाग्य विधाता,
इसलिए ईश्वर रखवाला है।।
पिता एक उम्मीद का खजाना,
कुबेर भंडार बन जाता है।
अपनत्व की आन-बान-शान,
जीवन भर प्यार लुटाता है।।
पिता एक उम्मीद संस्कृतियों की,
वट वृक्ष जैसी पावन छाया।
मनभावन मजबूत हौसला,
वो ही जाने उसकी माया।।
समझदारी की पाठशाला,
सरलतम राह दिखलाती है।
पिता उम्मीद अपनेपन की,
सत्यता का पाठ पढ़ाती है।।
©®
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)
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