प्रदत्त विषय-गजानन
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हे! सिद्धिविनायक गणनायक, हे! गजाननाय विघ्न हरो,
हे! विघ्नेश्वर रिद्धि-सिद्धिदायक,हे! गजवदनाय कृपा करो।।
प्रथमे पूजत नर नारी सदा ,हे! एकदन्त भव पार करो,
हे ! वक्रतुण्ड हे ! उमासुतं, हे! लम्बोदर सब कष्ट हरो।।
जो जपता नाम तिहारो नित , प्रभु तुम उसके भय नाश करो,
हे ! भालचन्द्र हे ! विनायकं , दुष्टों का अब संहार करो।।
हे ! धूम्रवर्ण कृष्णपिंगाक्षं , हे ! सुरप्रियाय मद नाश करो,
मंगल कर्ता भवभय हर्ता , हे ! विघ्नराजा तन त्रास हरो।।
हे ! त्रिपुण्ड सुण्ड हे! गणपतये , तुम कृपा करो क्षमा करो ,
हे ! पुरारिपूर्नन्दनम् हे !त्रयम्बकै , मुदा करो मम हृदय रहो ।।
✍️कुमार@विशु
✍️स्वरचित मौलिक रचना
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