।नारी तू नारायणी।। अवलोकन करें...
कमला विमला सुषमा इन्दिरा का यहहिन्दुस्तान है।। यहाँ अपाला गार्गी घोषा मैत्रेयी जो महान हैं ।। कौशल्या अरू मातु कैकेयी उर्मिल त्याग महान है।। भाखत चंचल लक्ष्मी पन्ना गूँज रहा बलिदान है।।1।। हिन्द चावला जैसी बेटियाँ माया रमा गुनखान हैं ।। प्रतिभा पाटिल रमण निर्मला ईरानी स्मृति शान हैं।। शासन दक्ष अवध की माया शानी कँह अनजान हैं ।। भाखत चंचल दुर्गा राधा सुभद्रा मीरा जान है।।2।। नारी ते ही जाये शिवाजी नारी दौलत खान है।। जहाँ नही है इज्जत उनकी मानो महल मसाध है।। सभी क्षेत्र मा घुसी नारियाँ क्षेत्र नही अनजान है।। नारी बिना अधूरा चंचल जोधा अकबर जान है।।3।। बिक्टोरिया की राजनिपुणता बेनजीर बे नजीर हैं।। विजयलक्ष्मी मीराबाई महादेवी काव्य तुणीर है।। करमवती की राखी निशानी रत्ना तुलसी कबीर हैं।। भाखत चंचल आधी अबादी आधा रंग अबीर है।।4।।
।आशा।।
वदवक्त कय मीत बयारि बहय धरि धीरू ना साहस खोवहू तू।। यै संगी औ साथी समाजु कुटुम्ब हैं दोलतु मीत ई जोवहु तू।। निज बाहुन पै विश्वास धरहु अरू अंत समय मत जोवहु तू।। भाखत चंचल या जियरा सबु संगी है नीकु जुहारहू तू।।1।। दौलतु पास है जौ मनुआ सबु संगी समाजु कुटुम्ब खरा।। परू गाढ़ दिना जौ देखाइ परा तबु होतु विमुक्ख प्रभाऊ परा।। ई नात औ बाँत कुटुंब समाजु ना होतु केऊ यहू जानि परा।। भाखत चंचल नीकु दिनानु तौ अक्खा इहय स़ंसारु भरा।।2।। गाढ़ परै तौ भजौ करुनानिधि दीनदयाल हितैषिऊ वही हैं।। ई सुक्ख औ दुक्ख हू देत वयी अरू टारन हेतु बहार वही है।। यहौ दुक्ख समय है जुरूरी सखे सबु संगी औ साथी जनात सही हैं।। भाखत चंचल या जियरा वयी दीनन नाथ कै संगी सही हैं ।।3।। जौ जनम भवा तौ आये अकेले औ जानौ इहय वही जाना भी है।। ई स्वारथु कै संसारू समाजु ई स्वारथु मा ही कुटुम्बनु भी है ।। भजु केवलु तू परमेश्वर का सखे दुक्ख मुसीबतु टारतु भी हैं ।। भाखत चंचल सारी उमिरि कै लेखनहारी किताब भी हैं।।4।। आशुकवि रमेश कुमार द्विवेदी, चंचल। ओमनगर,सुलतानपुर, उलरा,चन्दौकी, अमेठी ,उ.प्र.।। मोबाइल.. 8853521398,9125519009।।
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