विषय-करो योग रहो निरोग
विधा-गीत
योग भगाये रोग
समझने लगे हैं लोग
पावन बड़ी है भोर की बेला
समय बड़ा होता अलबेला
इसका करें उपयोग।
समझने लगे---------
पहला सुख निरोगी काया
काया से घर आती माया
चलते सब उद्योग।
समझने लगे----------
स्वस्थ जब होता है तन
स्वस्थ तब रहता है मन
करें नहीं अब भोग।
समझने लगे---------
देश की ऐसी है यह विधा
कुटुंब बना दी है वसुधा
सुंदर लगता संयोग।
समझने लगे -----------
योग दिवस ने सबको जोड़ा
दृष्टिकोण दुनिया का मोड़ा
होना सबको निरोग।
समझने लगे-----------
रजनी राय-लखनऊ
9621699409
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