।।हे कॅरोना सुन ले बात ,यह
खरी खरी।।
1
जिन्दगी है जैसे डरी डरी।
चाल आदमी की मरी मरी।।
हवा बन गई जली जली।
कॅरोना आफत बड़ी बड़ी।।
2
घर में ही रहो बस घड़ी घड़ी।
टिके उनकी उम्र चढ़ी चढ़ी।।
बात करना नहीं बड़ी बड़ी।
दूर से दोस्ती जैसे लड़ी लड़ी।।
3
दौलत रह जायेगी धरी धरी।
धोते रहो हाथ घड़ी घड़ी।।
काहे को भीड़ में खड़ी खड़ी।
कुछ दिन घर रहो पड़ी पड़ी।।
4
क्यों खाते डिब्बाबंद सड़ी सड़ी।
फल सब्जी खाओ हरी हरी।।
कॅरोना आया है मुड़ी मुड़ी।
रोग रोधी क्षमता हो बड़ी बड़ी।।
5
कॅरोना इक़ दुष्ट विषाणु है।
ये जैसे छोटा बम परमाणु है।।
करना है इसको समूल नष्ट।
मानव जाति पर न कृपाणु है।।
6
नियम पालन दवाई और कड़ाई।
करनी कॅरोना पे मिलकर चढ़ाई।।
लगवायें वैक्सीन जल्दी जल्दी।
सबने मिल कर लड़नी ये लड़ाई।।
7
सुन ले बात ये कॅरोना कड़ी कड़ी।
दवाई की खुराक है चली चली।।
तुझको भारत में हम टिकने न देंगें।
सुन लो कॅरोना बात यह खरी खरी।।
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आपकी खुशी का सरोकार
करते हैं हम।
दिल से आपके लिए प्यार
करते हैं हम।।
आज की प्रभात बेला में
किया है याद।
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