एस के कपूर श्री हंस

।।हे कॅरोना सुन ले बात ,यह
खरी खरी।।

1
जिन्दगी है  जैसे  डरी     डरी।
चाल आदमी की  मरी    मरी।।
हवा बन गई     जली    जली।
कॅरोना आफत  बड़ी     बड़ी।।
2
घर में ही रहो बस  घड़ी  घड़ी।
टिके उनकी उम्र चढ़ी     चढ़ी।।
बात करना नहीं  बड़ी     बड़ी।
दूर से दोस्ती जैसे  लड़ी  लड़ी।।
3
दौलत रह जायेगी  धरी    धरी।
धोते    रहो हाथ    घड़ी   घड़ी।।
काहे को भीड़ में  खड़ी   खड़ी।
कुछ दिन घर  रहो    पड़ी पड़ी।।
4
क्यों खाते डिब्बाबंद सड़ी सड़ी।
फल सब्जी खाओ  हरी     हरी।।
कॅरोना आया  है   मुड़ी     मुड़ी।
रोग रोधी क्षमता हो बड़ी   बड़ी।।
5
कॅरोना इक़    दुष्ट     विषाणु   है।
ये जैसे छोटा   बम  परमाणु    है।।
करना है इसको      समूल    नष्ट।
मानव जाति पर न   कृपाणु    है।।
6
नियम पालन दवाई  और  कड़ाई।
करनी कॅरोना पे मिलकर   चढ़ाई।।
लगवायें वैक्सीन   जल्दी   जल्दी।
सबने मिल कर लड़नी ये   लड़ाई।।
7
सुन ले बात ये कॅरोना कड़ी  कड़ी। 
दवाई की खुराक   है  चली   चली।।
तुझको भारत में हम टिकने न देंगें।
सुन लो कॅरोना बात यह खरी खरी।।

______________________


आपकी खुशी का सरोकार
करते हैं   हम।
दिल से आपके   लिए प्यार
करते हैं   हम।।
आज की   प्रभात   बेला में
किया   है याद।

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...