डॉ० रामबली मिश्र

प्रणम्य मातृ शारदे

वंदनीय शारदे प्रणम्य मातृ शारदे।
सुधन्य मातृ शारदे नमामि विश्व शारदे।।
भजामि मातृ शारदे पूजनीय शारदे।
विनम्र मातृ शारदे रहस्य दिव्य शारदे।।

सुरक्ष मातृ शारदे सुशिक्ष ज्ञान शारदे।
सुविज्ञ वेद ध्यानश्री सुसज्ज भव्य शारदे।।
विश्व के विधान की सुजान शान शारदे।
दया करो कृपा करो महानुभाव शारदे।।

अलभ्य शिव प्रभाव हो सहस्र बाहु शारदे।
अनंत आनना सदा सुशील सौम्य शारदे।।
कला निधान ज्ञानमय सुपंथ धाम शारदे।
विनीत दिव्य भव्य हो सुशांत मातृ शारदे।।

अगम्य हो सुगम्य हो अनंत मातृ शारदे।
दिव्य भाव प्रेम हो सुगन्ध पुष्प शारदे।।
भक्तिरूपिणी सतत स्वतंत्र मंत्र शारदे।
मोक्षदायिनी सहज सु-तंत्र मातृ शारदे।।

रचनाकार:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801

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