अमरनाथ सोनी अमर

कविता -यह शरीर जीवन साथी! 

जीवन साथी यह शरीर है, 
इसको हमे बचाना है! 
खान- पान हितकर है लेना, 
ठेस नहीं पहुँचाना है!! 

दुखी कहीं यदि वह हो जाये, 
सारा कष्ट उठाना होगा! 
कोई साथ नहीं दे सकता, 
केवल वही सहारा होगा!! 

इसे स्वस्थ रखना है तो जब, 
अल्प भोग करना होगा! 
तेल, मशालें, स्वाद नही हो, 
पानी भार बढा़ना होगा!! 

पानी ज्यादा से ज्यादा भी, 
अपने पेट में भरना होगा! 
बडे़ भोर में खाट छोंडकर, 
राम भजन गाना होगा!! 

थोडा़ योग करो तुम निशिदिन, 
थोडा़  सा टहलना होगा! 
कहीं हुये तकलीफ देंह में, 
आयुर -औषधि लेना होगा!! 

अंग्रेजी की दवा भगाओ, 
आयुर दवा बचायेगा! 
रहें स्वस्थ तन- मन हो सुन्दर, 
पूरे उम्र तक जीना होगा!! 

मृत्यु काल जब निकट आ जाये, 
उसको गले लगाना होगा!         राम नाम के गुण गाते ही, 
यम पुरी को जाना होगा!! 

अमरनाथ सोनी" अमर "
9302340662

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