मुक्तक- हास्य!
प्यार के मौसम दिवाने आ गये!
अब हमारे आप खुद तो आ गये!
रातको चूडी़ न खनकी यह सनम!
अभी खनके आपअबतोआ गये!!
मैं बहुत उपवास करती थी बलम!
देवता को पूजती थी मैं सनम!
आपके ही याद में खोई रही!
ठीक अच्छा आ गये प्यारे बलम!!
अमरनाथ सोनी "अमर "
9302340662
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