रामकेश एम यादव

एक धनवान के बेटे ने!

एक धनवान के बेटे ने,
 प्यार भरा दिल तोड़ दिया,
शादी का झाँसा देकर,
हाल पे उसके छोड़ दिया।

साथ जियेंगे, साथ मरेंगे,
कितनी कसमें खाया था।
चुपके-चुपके दिल के अंदर,
गोता खूब लगाया था।
सारी मस्ती करके भौंरा,
उस कली को छोड़ दिया।
शादी का झाँसा देकर,
हाल पे उसके छोड़ दिया।
एक धनवान के बेटे ने,
प्यार भरा दिल तोड़ दिया।

सिसक रही उस बेटी पर क्यों 
ये आवाज नहीं उठती।
आज मेरी,कल तेरी बेटी,
की ये अर्थी है सजती।
आंसू की दरिया में डुबोकर,
मरने खातिर छोड़ दिया।
शादी का झाँसा देकर,
हाल पे उसके छोड़ दिया,
 एक धनवान के बेटे ने,
 प्यार भरा दिल तोड़ दिया।

रामकेश एम.यादव(कवि,साहित्यकार),मुंबई

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...