एस के कपूर श्री हंस


*।।कामयाबी का अपना एक*
*अलग गणित होता है।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
1
गिर कर    चट्टानों   से   पानी 
और तेज     होता है।
वही जीतता  जो       उम्मीदों
से लबरेज   होता है।।
गुजर कर    संघर्षों से  व्यक्ति
और है मजबूत बनता।
भागता और तेज   जब   नीचे
कांटों का सेज होता है।।
2
दीपक के तले  सदा     अंधेरा   
ही     रहता        है।
पर खुद जलकर  उससे रोशन
सबेरा      बहता  है।।
मुश्किलों में ही    आदमी  को
अपनी होती पहचान।
सफलता का हर  चेहरा   यही
बात  कहता       है।।
3
मुसीबतों में ही    उलझ    कर
शख्सियत निखरती है।
गलत हो सोच  तो       जिंदगी
फिर     बिखरती    है।।
जैसी नज़र   रखते    नज़रिया
वैसा जाता   है   बन।
आशा और विश्वास   से ही हर
तकलीफ    गिरती है।।
4
जीवन का   सफल    आचरण
अलग    होता      है।
तकलीफ़ का ऊपरी   आवरण
अलग    होता     है।।
संघर्ष की भट्टी में तपकर सोना
बनता   है      कुंदन।
कामयाबी का अपना व्याकरण   
अलग   होता      है।।


*1 ।।।।*
सीखो     और   सिखायो  तुम
यही     उचित   है ज्ञान बढ़ाना।
सदा   बड़ों का    सम्मान करो
यही   उचित है    मान जताना।।
यदि आ   गया     अहंकार तो
पतन      फिर     निश्चित    है।
त्यागअहम का   बहुत  जरूरी
*नहींउचितअभिमान दिखाना।।*
💥☘️💥☘️💥☘️💥
*2।।।।।*
भाषा  मर्यादा बहुत  आवश्यक
हर सफल व्यक्ति ने यही जाना।
वाणी की मधुरता है आवश्यक
सदा मीठे बोल ही है    सुनाना।।
कलम अच्छा सच्चा   लिखती
क्योंकि झुक      कर चलती है।
सरल सहज होना   आवश्यक
*नहींउचितअभिमान दिखाना।।*
💥☘️💥☘️💥☘️💥☘️
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।*
मोब।।।।         9897071046
                     8218685464

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