"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
आशुकवि रमेश कुमार द्विवेदी चंचल
पावनमंच को प्रणाम, धनवन्तरि शतक भाग दो के आगेका अवलोकन करें..... रजः प्रवर्धनी लेहु अशोका याकि चन्द्र प्रभा कै प्रभाऊ गनाई।। मुसली सफेदु गहो कछू गोलिनु टेबलेट सतावरी बैद सुझाई ।। कछुवै बैद्य कहै सर्पगन्धा औ संग मा जौ त्रिफला कू देहु चलाई ।। भाखत चंचल काव कही तबु गोद मा बाल तो लेहू खेलाई ।।1।। जोड़नु पीरू उठै दिनुरैनु उ चाहय बुढापा जवानु देखाई।। लोग बतावतु ग्रीसु घटै औ दूजनु कार्बनु नामु गनाई ।। पीर उठै यहु भाँति शरीरू बरननि काहुनु भाँति ना जाई।। भाखत चंचल जानौ इहय जस सरवरु मीनहु काढि़ बहाई।।2।। नारी कहूँ या कहूँ नर को नाहि विलोकतु उमरि कहाई।। बैठतु उठतु या धावतु डोलतु दस पाँचौ कदम नहि दूरि ना जाई।। नामु गनावतु बैद्य यहय कह़ू साटिका या कहो गठिया हु भाई।। भाखत चंचल काव कही धनवन्तरि मा बहु नीकु दवाई ।।3।। गैरलिक टेबलेट ज्वाइन्ट एक्ट औ आयल रोमा जौ लेहु धराई।। पेन रिलेक्सो रखौ घर माँहि या खावहु त्रिफला कै गोली जौ धाई।। कैल्सियम टेबलेट डी बी यस कै औ अर्क मा तुलसी पियो अबु जाई।। भाखत चंचल खाय लियौ कछू मासु तौ दौड़ जवान पछारहु जाई।।4।। आशुकवि रमेश कुमार द्विवेदी, चंचल ।ओमनगर,सुलतानपुर, उलरा,चन्दौकी, अमेठी ,उ.प्र.।। मोबाइल नंबर..... 8853521398,9125519009।।
Featured Post
दयानन्द त्रिपाठी निराला
पहले मन के रावण को मारो....... भले राम ने विजय है पायी, तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम रहे हैं पात्र सभी अब, लगे...
-
सुन आत्मा को ******************* आत्मा की आवाज । कोई सुनता नहीं । इसलिए ही तो , हम मानवता से बहुत दूर ...
-
मुक्तक- देश प्रेम! मात्रा- 30. देश- प्रेम रहता है जिसको, लालच कभी न करता है! सर्व-समाजहित स्वजनोंका, वही बिकास तो करता है! किन्त...
-
नाम - हर्षिता किनिया पिता - श्री पदम सिंह माता - श्रीमती किशोर कंवर गांव - मंडोला जिला - बारां ( राजस्थान ) मो. न.- 9461105351 मेरी कवित...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें