नूतन लाल साहू

सच्चा मित्र

क्या है गलत और क्या है सही
क्या करें और क्या नही
इसे जानना होगा
सच्चा मित्र है आत्मज्ञान
इसे पहचानना होगा
बेवजह फंस जाओगे
अगर ज्ञान न होगा
अंधेरे से निकल अब
उजाले के जमाने में
जमाना बेरहम बन
लग जाता है दबानें में
किरण की ओर,सारे पथ
आत्मज्ञान और आत्मविश्वास से
तुझें मोड़ना होगा
सच्चा मित्र है आत्मज्ञान
इसे पहचानना होगा
अगर हो मजबूत इरादा
तो रहे न कोई बाधा
बस हिम्मत ही है, एक सहारा
सगे भाई बंधू भी
अब रहा न कोई प्यारा
झांक कर तो देख अपने अंदर
तेरे अंदर भी है इक विधाता
सच्चा मित्र है आत्मज्ञान
इसे पहचानना होगा
परिस्थितियों से क्यों घबराता है
तू विधाता को कोसता क्यों है
आत्मज्ञान की तो सुन
वही है ज्ञान का उजाला
इसी में है सारी समझदारी
वक्त पे फूल खिल ही जाएंगे
सच्चा मित्र है आत्मज्ञान
इसे पहचानना होगा

नूतन लाल साहू

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