जया मोहन

तकदीर
मत करो मन के करने की तदबीर
होगा वही जो विधाता ने लिख दिया तकदीर
इससे कोई जीत न पाया
राजा ,रंक फकीर
होगा।। ।।।।।
तदबीर किये राजा दशरथ
सौपेंगे राज्य रघुबर को
तकदीर के आगे हार गए
केकैई को दिये वर को
पुत्र वियोग में तड़प कर
छूट गया नश्वर शरीर
होगा।।।।।
सीता ने पति धर्म निभाने को
ठाना पति संग वन जाने को
तकदीर ने उनको दूर किया
रावण घर पहुँचा दिया
असहनीय वेदना की सीता
पल पल सहती पीर
होगा।।।।
हरिश्चन्द्र ये माने थे सत्य को अपनाए थे
नही जानते थे की तकदीर में उनकी लिखा डोम घर भरना नीर
होगा ।।।।।
अच्छे बुरे कर्मो का फल देती तकदीर हमारी
नही जीत सका कोई इसको दुनियां इसके आगे हारी
सुख दुख तुमको वही मिलेगा
जो विधाता ने लिखा तकदीर तुम्हारी
होगा ।।।।।।।

जया मोहन
प्रयागराज

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